एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश में अब टोल बैरियरों पर गाड़ियों की लंबी कतारें नहीं लगेंगी, क्योंकि सरकार फास्ट टैग आधारित प्रवेश कर भुगतान प्रणाली लागू करने जा रही है।
इस प्रणाली का उद्देश्य यात्रियों का समय बचाना और कर संग्रह प्रक्रिया को आसान बनाना है। शुरुआत में यह सिस्टम राज्य के 6 प्रमुख स्थानों पर लागू किया जाएगा, जिसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से सभी 55 टोल बैरियरों पर विस्तार दिया जाएगा।
किन 6 स्थानों पर होगा फास्ट टैग लागू?
सरकार द्वारा चयनित 6 स्थानों पर सबसे पहले फास्ट टैग सिस्टम लगाया जाएगा, जो इस प्रकार…
1. गरमौरा (बिलासपुर)
2. टिपरा बाईपास, परवाणू (सोलन)
3. गोविंदघाट (सिरमौर)
4. कंडवाल (कांगड़ा)
5. मेहतपुर (ऊना)
6. बद्दी (सोलन)
फास्ट टैग से क्या होंगे फायदे?
फास्ट टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिससे वाहन बिना रुके सीधे टोल भुगतान कर सकते हैं। पहले गाड़ियों को टोल बैरियर पर रुकना पड़ता था, जिससे लंबी कतारें लग जाती थीं और यात्रियों का समय बर्बाद होता था। इस नई व्यवस्था से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
बैरियर की नीलामी से बढ़ेगी कमाई
हिमाचल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी एंट्री टैक्स बैरियरों की नीलामी करने का फैसला किया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे 2024-25 की तुलना में 7.5% अधिक राजस्व प्राप्त होगा। जो नीलामी जीतेगा, उसे 45 दिनों के भीतर फास्ट टैग सिस्टम इंस्टॉल करना होगा, अन्यथा उसकी लीज रद्द कर दी जाएगी।
सरकार ने साफ किया है कि फास्ट टैग सिस्टम लगाने और संचालित करने का पूरा खर्च ठेकेदार ही वहन करेगा। इसमें बैंक, NPCI, IHMCL और अन्य संस्थाओं के शुल्क भी शामिल होंगे, जिससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
यात्रियों को होगी सुविधा
फास्ट टैग प्रणाली के लागू होने से हिमाचल प्रदेश में यात्रा अधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी। यात्रियों का समय बचेगा, टोल पर लगने वाली लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। आने वाले समय में सभी 55 टोल बैरियरों पर यह सुविधा लागू की जाएगी, जिससे प्रदेश की परिवहन व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आएगा।