शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को करवाई एमए संस्कृत के पहले सत्र की परीक्षा में आए प्रश्नपत्र को देखकर छात्र दंग रह गए। परीक्षार्थियों का दावा है कि प्रश्नपत्र में काफी प्रश्न दूसरी किताब से डाल दिए थे।
परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र पढ़ने के बाद यह मामला मौके पर तैनात शिक्षकों व अधिकारियों के समक्ष उठाया तो इसे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष लाया गया। इसके बाद परीक्षा पत्र में सुधार किया गया।
दुरुस्ती में लग गया एक घंटे का समय : परीक्षार्थियों का आरोप है कि प्रश्नपत्र को दुरुस्त करने में लगभग एक घंटे का समय लग गया। परीक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि समय कम होने के चलते अधिकतर छात्र अपने पेपर को सही तरीके से नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अतिरिक्त अंक देने की मांग की है।
नाटक व काव्य के पेपर में पूछे न्याय वैशेषिक से प्रश्न : बुधवार को विश्वविद्यालय के सभी परीक्षा केंद्रों में प्रथम सत्र का नाटक व काव्य का पेपर था। इसमें काफी प्रश्न न्याय वैशेषिक से पूछे गए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को गलती का अहसास होने के बाद इसे पेपर आरंभ होने के लगभग एक घंटे बाद सुधारा गया। इसके बाद विद्यार्थियों को फिर से पेपर के प्रिंट दिए गए।
तुरंत सुधार कर दिया : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर श्याम लाल ने माना कि परीक्षा के दौरान प्रश्नों का मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय की सीक्रेसी ब्रांच ने त्वरित कार्रवाई कर इसमें सुधार कर दूसरे प्रश्न भेजे। इसके बाद परीक्षा सामान्य तरीके से हुई।
