डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से आम लोगों को करना पड़ रहा भारी दिक्क़तों का सामना
एएम नाथ। शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में हालिया मारपीट और सुरक्षा चूक के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश में डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने पर आम लोगों को भारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक डॉ. जनक राज का कहना है कि जरूरत गुस्से की नहीं, संवेदना की है। ज़रूरत टकराव की नहीं, संवाद की है।
क्योंकि अस्पताल में कोई डॉक्टर या मरीज़ नहीं जीतेगा या हारेगा अगर हारती है तो सिर्फ़ इंसानियत। उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर और मरीज़ आमने-सामने होते हैं,
जब संवाद की जगह टकराव ले लेता है,
तो चोट सिर्फ़ रिश्तों को नहीं लगती। उस आम जनता को लगती है,
जिसका कोई कसूर नहीं होता है। डॉ. जनक राज ने कहा कि मेरा अस्पताल प्रशासन से विनम्र निवेदन है कि दोनों पक्षों को साथ बिठाओ चाय पिलाओ और दोनों पक्षों द्वारा आवेग में जो गलती हुई है, दोनों पक्ष अपनी अपनी गलती मानकर हिमाचल के आमजनामस के हित में एक नई शुरुआत करें।
डॉ. जनक राज ने कहा कि डॉक्टरों के इस फैसले से अस्पताल की नियमित स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। मुख्यमंत्री की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच शुरू करने का आश्वासन भी दिया गया है। मगर डाक्टर नहीं मान रहे हैं।
रेज़िडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि IGMC जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान में भीड़ द्वारा डराने-धमकाने की घटना हुई, जिससे न केवल डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए, बल्कि अस्पताल का सामान्य कामकाज भी बाधित हुआ।
डॉक्टरों की हड़ताल के ऐलान के बाद मरीजों और उनके परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यदि समय रहते मांगों पर सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया, तो IGMC सहित पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है।
