कांगड़ा और चम्बा में अनुकरणीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने वन समितियों को किया सम्मानित : युवाओं से वन संरक्षण अभियान से जुड़ने का आह्वान किया

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एएम नाथ।  देहरा  :  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिला के देहरा में केएफडब्ल्यू परियोजना के अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाली जिला कांगड़ा व चंबा की ग्राम वन प्रबंधन समितियों (विलेज फोरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटी) को सम्मानित किया।
उन्होंने राज्य स्तर पर वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगडू को एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार डलहौजी वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति छम्बर को 60 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ को 40 हजार रुपये प्रदान किये। वर्ष 2022-23 के लिए राज्य स्तर का एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़, 60 हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2 तथा तीसरा पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगडू को 40 हजार रुपये प्रदान किया। वर्ष 2023-24 के लिए राज्य स्तर का प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2, द्वितीय पुरस्कार 60 हजार रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ तथा तृतीय पुरस्कार 40 हजार रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगड़ू को प्रदान िकया।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार खुडियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, लगड़ू, 30 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, भटेड़़ तथा 20 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार देहरा वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति नौशेरा को प्रदान किया जबकि वर्ष 2022-23 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का पहला पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़, 30 हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2 और 20 हजार रुपये का तीसरा पुरस्कार नगरोटा सूरियां की ग्राम वन प्रबन्धन समिति बलडोआ ने प्राप्त किया।
वर्ष 2023-24 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2, 30 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, बलडोआ तथा 20 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ ने जीता। मुख्यमंत्री ने सभी विजेता समितियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा एवं चम्बा ज़िलों में 307 वन विकास समितियों ने इस परियोजना के तहत योजना बनाने, उसे क्रियान्वित करने एवं निगरानी का काम किया। उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण न केवल जलवायु संतुलन के लिए आवश्यक है बल्कि यह हमारी नदियों के उद्गम, मिट्टी के कटाव की रोकथाम, जैव विविधता की सुरक्षा और लाखों लोगों के जीविका उपार्जन से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का वन क्षेत्र लगभग 15,443 वर्ग किलोमीटर आंका गया है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 28 प्रतिशत है और प्रदेश का वर्गीकृत वन क्षेत्र 37,948 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है जो भौगोलिक क्षेत्रफल का 68.16 प्रतिशत है। यह क्षेत्र हरित आवरण से परिपूर्ण है और यह हमें एक अनूठी पहचान और जिम्मेदारी प्रदान करता है। यहां के लोग प्रकृति के साथ आध्यात्मिक और पारंपरिक संबंध रखते हैं। बढ़ती आबादी, विकास कार्यों और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के कारण हमारे वन संसाधनों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी सरकार ने वन विभाग के माध्यम से सतत् और वैज्ञानिक पद्धति से वन प्रबंधन की रणनीतियां अपनाई हैं।
उन्होंने कहा कि जिन समितियों ने अच्छा कार्य किया है, उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 22.5 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में दिए जायेंगे, इसमें से 2.5 करोड़ रुपये वित्तरित किए जा चुके हैं तथा शेष राशि इसी वर्ष उनके खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से प्रकृति और वनों के संरक्षण के इस अभियान में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन स्थापित करें ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित, समृद्ध और हरा-भरा हिमाचल मिल सके। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत दोनों जिलों में 13,300 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण व भूमि बचाव का कार्य किया गया है। कांगड़ा व चंबा जिला में 8300 हेक्टेयर भूमि पर 61 हज़ार पौधे लगाए गए हैं जबकि शेष भूमि से लैंटाना हटाई गई है तथा यह परियोजना 30 मार्च, 2026 तक पूर्ण कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना ने साबित किया है कि जब नीति, प्रौद्योगिकी और जनता का सहयोग एक साथ जुड़ते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने वन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, कमलेश ठाकुर एवं विवेक शर्मा, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष मोहन लाल, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज कुमार, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया, पुष्पिंदर ठाकुर, पीसीसीएफ़ (हॉफ) समीर रस्तोगी, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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