चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन को लेकर पंजाब की आप सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है। केंद्र ने पंजाब सरकार को चिट्ठी लिख जवाबतलबी की थी। जिस पर पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा ने जवाब भेजा है। पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को भेजे जवाब में कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है की राज्य सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लोगों को इकट्ठा होने दे रही है। किसान दिल्ली में आंदोलन करने जा रहे हैं, मगर उन्हें रोका गया। इसी वजह से हालात बेकाबू हुए। इसे मिस-मैनेजमेंट कहना गलत है।
पंजाब सरकार द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए जवाब में आगे कहा गया है कि हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट्स, सहित अन्य बल का प्रयोग किया गया। जिसमें करीब 150 से ज्यादा किसान घायल हुए और कई किसान जान गवां चुके हैं। फिर भी पंजाब सरकार ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। यही नहीं, पंजाब के CM भगवंत सिंह मान ने किसानों के साथ प्रदर्शन न किए जाने को लेकर कई बार मीटिंग कर मसला हल करने की कोशिश भी की। राज्य के उच्च अधिकारी करीब 2 हजार से ज्यादा मुलाजिमों के साथ सुरक्षा को लेकर काम कर रहे हैं। फिर भी हमारी सरकार हर स्थिति से लड़ने के लिए पैनी नजर बनाए हुई है। जरूरत पड़ने पर हर कदम उठाया जाएगा।
पंजाब-हरियाणा सीएम आवासों की बढ़ाई सुरक्षा : किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार अपनी पुख्ता तैयारी करके बैठी है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के बीच की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है। किसानों के आज दिल्ली कूच के आह्वान के बाद हरियाणा पुलिस ने दोनों राज्यों की सीमाओं पर बैरिकेडिंग मजबूत कर दी है और सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ा दी है। वाटर कैनन गाड़ियों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं, चंडीगढ़ स्थित पंजाब और हरियाणा के सीएम के आवासों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।