दोनों सडक़े पर जगह जहग गड्डे और जगह जगह छपड़ का रूप धारण कर चुकी सडक़
चार वर्ष से बतदर हालत ना सरकार ने ना विभाग ने इस और कभी सीरियसली ध्यान दिया
गढ़शंकर। गढ़शंकर विधानसभा हलके में मुख्य भूमिका अदा करने वाले बीत ईलाके में इस बार मुख्य मुद्दा गढ़शंकर संतोषगढ़ सडक़ और झूगियां की बदतर हालत सडक़ बनने जा रही है और इस सडक़ की हालत बद से बदतर हो चुकी है। दस से वीस फुट लंबे और एक से दो फुट गहरे पड़े हुए है और जगह जगह सडक़ छपड़ों का रूप धारण कर चुकी है। काग्रेस के लिए बीत ईलाके में यह सडक़े चुनाव प्रचार दौरान काग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है।
गढ़शंकर से संतोषगढ़ सडक़ करीव पंद्रह किलोमीटर सडक़ की हालत इतनी बदतर है के चार पहिया बाहनों का निकलना तो मुशकिल है और मात्र पंद्रह किलोमीटर का सफर तय करने के लिए एक घंटा लग जाता है तो अड्डा झूगियां से हैबोवाल तक दस किलोमीटर सडक़ की हालत तो और ज्यादा बदतर हो चुकी है। जिससे गुजरने के लिए भी एक घंटा लग जाता है। यहां से तो कारों व दोपहिया बाहनों का गुजरने के लिए तो सडक़ पर बने जगह जगह छप्पड़ लांघ कर जाने जैसी मुसीबत बन चुकी है। खड़े पानी के नीचे कितना गहरा गड्डा है यह पता नहीं होता। जिसके चलते दोपहिया वाहन चालक अकसर गिर जाते है तो कारों का अकसर नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीत ईलाके की यह दोनों सडक़े जीवन रेखाएं है और इन सडक़ों पर से ही रोजना बीत ईलाके के सैतींस गावों के लोगो को गुजरना होता है। इसके ईलावा हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल व सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर, माता नैना देवी, माता ज्वाला जी मंदिरों सहित एक दर्जन से ज्यादा धार्मिक स्थलों को जाने के लिए तथा श्री गुरू रविदास के तपोस्थ्ल खुरालगढ़ साहिब के लिए जाने के लिए दोआबा व मालवे के आधे जिलों के लोगो को भी इन सडक़ों से ही गुजरना पड़ता है। इस तरह इन सडक़ो से रोजाना हजारों वाहन गुजरते है लेकिन सडक़ की हालत गत चार वर्षो से बद से बदतर हो चुकी है। लेकिन इस और ना तो सरकार ने और ना लोक निर्माण विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया।
फोटो 131 गढ़शंकर संतोषगढ़ सडक़ पर पड़े गड्डे।
गढ़शंकर संतोषगढ़ व झूगियां हैबोवाल सडक़ो की बद से बदतर हालत काग्रेस के लिए बन सकती मुसीबत
Jan 28, 2022