एएम नाथ। शिमला :। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लेने के लिए जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह के निर्णय की आहट सुनाई दे रही है। हाईकमान से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की मुलाकात के बाद उनके प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा तेज हो गई है। अगर जयराम प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ना होगा। उनके स्थान पर किसी अन्य की तैनाती होगी।
पार्टी सूत्रों की मानें तो जयराम ठाकुर का प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय है। उनके अनुसार जयराम ठाकुर के नाम पर मुहर लग गई है तथा अब औपचारिक घोषणा ही होनी है। इससे पहले अध्यक्ष पद की दौड़ में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का नाम था। बदले सियासी समीकरण के बीच जयराम को हाईकमान यह दायित्व सौंपने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर दिल्ली बुलाए गए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से इस विषय पर चर्चा की है।
भाजपा ऐसे नेता को अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है, जिसके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाए। नए प्रदेश अध्यक्ष को अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी चुनाव प्रचार के लिए समय निकालना होगा। चुनाव अधिकारी एवं केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह अब शिमला आएंगे। इसके बाद निश्चित प्रक्रिया को अपनाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चयन सप्ताह के भीतर करने की संभावना है। फरवरी में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना लगभग तय है। प्रदेश अध्यक्ष चयन से पहले भाजपा ने सभी 171 मंडलों एवं 17 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है।
नेता प्रतिपक्ष के लिए चर्चा में 3 नाम
जयराम को अगर प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलती है तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छोड़नी होगी। इस स्थिति में नेता प्रतिपक्ष के लिए विपिन सिंह परमार , बिक्रम ठाकुर और सतपाल सिंह सत्ती के नाम चर्चा में हैं। कांगड़ा जिला पर बात अटकी तो विपिन व बिक्रम में से किसी एक को नहीं तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के नाम को भी आगे बढ़ाया जा सकता है।