एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश के 6297 स्कूलों में प्री-प्राइमरी (नर्सरी) शिक्षक न होने की स्थिति में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रान्त महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने राज्य सरकार से जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को नर्सरी शिक्षक के रूप में नियुक्ति का अवसर देने की मांग उठाई है।
डॉ. पुंडीर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हजारों की संख्या में जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (JBT) कर चुके प्रशिक्षित युवा दो वर्षों की गहन शिक्षक प्रशिक्षण के बावजूद वर्षों से बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 6297 स्कूल ऐसे हैं जहां प्री-प्राइमरी शिक्षक की तैनाती नहीं है, जिससे प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित हो रही है।
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि हाल ही में भेजे गए 10,000 से अधिक नियुक्ति निवेदनों में से 9986 आवेदन अस्वीकार कर दिए गए, जो दर्शाता है कि सरकार इस गंभीर विषय पर संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। ऐसे में सरकार को तत्काल प्रभाव से इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।
डॉ. पुंडीर ने सरकार से आग्रह किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभिक बाल शिक्षा को मज़बूती देने के लिए स्थानीय, प्रशिक्षित व योग्य JBT पास युवाओं को नर्सरी शिक्षकों के रूप में तैनात किया जाए। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि बेरोजगारी में भी कमी आएगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को इस विषय पर स्थायी नीति बनाकर प्री-प्राइमरी स्तर पर हर स्कूल में शिक्षक की अनिवार्य तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए।
