मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को दो नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए थे। तीन मंत्रियों से विभाग लेकर दो नए मंत्रियों को विभाग दिए गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के इस अप्रत्याशित कदम के बाद मंत्रियों के नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं। हालांकि हमीरपुर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि कोई मंत्री नाराज नहीं है। दो नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए गए हैं । अन्य मंत्रियों से जो विभाग लिए गए हैं, उन्हें भविष्य में उनके विभाग से संबंधित ही अन्य विभाग दिए जाएंगे ताकि काम करने में कोई परेशानी न हो। सरकार जल्द ही डिपार्टमेंट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर और डिपार्मेंट आफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाने जा रही है। इन विभागों को जरूरत के मुताबिक मंत्रियों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी मंत्री से उनके मुख्य विभाग नहीं लिए गए हैं। मंत्रियों को सौंपे गए अतिरिक्त विभाग की जिम्मेदारी ही उनसे ली गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की तारीफ की थी । उन्होंने कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अपने विभाग में अच्छा काम कर रहे हैं। जल्द ही राज्य सरकार डिपार्टमेंट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने जा रही है। यह विभाग लोक निर्माण विभाग के काम के साथ जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इशारों में डिपार्टमेंट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर को लोक निर्माण मंत्री को सौंपने की बात कही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले वक्त में विभागों का आवंटन किया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने दो नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए। राजेश धर्माणी को तकनीकी शिक्षा विभाग सौंपा गया। जबकि यादविंद्र गोमा को आयुष विभाग के साथ युवा सेवाएं खेल विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे पहले तकनीकी शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के पास था, जबकि आयुष विभाग उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के पास था। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से लेकर युवा सेवाएं एवं खेल विभाग यादविंदर गोमा को दे दिया। हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार मान रहे थे कि मुख्यमंत्री अपने विभागों को दो नए मंत्रियों को सौंपेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। गौरतलब है कि ऊर्जा, वन, शहरी विकास और खाद्य आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्री के पास ही हैं। इन विभागों को अन्य मंत्रियों को सौंप जाने की चर्चा थी।