नवांशहर। कस्बा काठगढ़ के नजदीकी गांव निग्गी के जंगल में गांववासियों ने बारासिंगे का कटा हुआ सिर बरामद किया है। अकेले सिर के मिलने से शिवालिक के जंगलों में नील गाय की आड़ में बारासिंगे के शिकार के खेल की संभावनाओं को बल मिल रहा है। लोगों ने इस मामले की जंगली जीव विभाग से जांच की मांग की है। गांववासियों ने बताया कि बारासिंगे का कटा हुआ सिर देखकर साफ नजर आ रहा है कि शिकारियों द्वारा इसे काफी बेरहमी से मारा गया है। शिकारी बारासिंगे का सिर फैंक गए, जबकि धड़ साथ ले गए। लोगों ने कहा कि जंगली जीव कुदरत की सुंदर पूंजी हैं और इनकी रक्षा करना सभी का फर्ज है। गांववासियों ने कहा कि सरकार द्वारा जंगली जीवों के शिकार पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन इसके बावजूद भी रात के समय शिकारी जंगली जीवों का शिकार करने से बाज नहीं आते, क्योंकि बारासिंगे का मांस काफी मंहगा बिकता है। उन्होंने जंगली जीव विभाग से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और रात के समय गश्त बढ़ाई जाए। वहीं जानकारों का मानना है कि असल में ये नील गाय की आड़ में बारासिंगे का शिकार हो सकता है। नीलगाय व बारासिंग के मांस को सिर के बिना पहचानना आसान नहीं रहता। क्योंकि दोनों का धड़ एक जैसा ही होता है। बताते चलें कि सांभर या बारासिंगे का शिकार पूरी तरह से बैन है। जबकि नील गाय का परमिट मिल जाता है। लेकिन इलाके में नहरों के पक्के किए जाने तथा जंगलों की जमीन कम होने से पहले ही इनका इलाका कम हो रहा है तथा इसीलिए वन्यजीव प्रेमी बार बार नील गाय के शिकार को भी पूरी तरह से बैन करने की मांग उठाते रहते हैं। गांव वासियों व वन्यजीव प्रेमियों ने मामले की जांच की मांग उठाई है। वन रेज अफसर ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
नील गाय की आड़ में किया बारासिंगे का शिकार : निग्गी के जंगल में मिला कटा हुआ सिर
Nov 17, 2022