संगरूर : अभिनेत्री और राजनेता कंगना रनौत द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान “बलात्कार” होने का आरोप लगाने के बाद, पंजाब के पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान की टिप्पणी ने गुरुवार को विवाद खड़ा कर दिया। संगरूर के पूर्व सांसद ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, “आप उनसे (कंगना रनौत) पूछ सकते हैं कि रेप कैसे होता है, ताकि लोगों को समझाया जा सके कि रेप कैसे होता है। उनके पास बहुत अनुभव है।”
सिमरनजीत सिंह ने क्या कहा : सिमरनजीत सिंह मान से पूछा गया था कि कंगना रनोट ने बयान दिया कि अगर केंद्र में BJP की सरकार न होती तो किसान आंदोलन के वक्त पंजाब का वही हाल होता, जो बांग्लादेश का हुआ है। इसके जवाब में मान ने कहा-” कंगना रनोट को रेप का बहुत तजुर्बा है। उनसे आगे पूछ सकते हैं कि रेप कैसे होता है?, लोगों को समझाया जाए। मान से पूछा गया कि कंगना रनोट को रेप का तजुर्बा कैसे है? इसके जवाब में मान ने कहा- जैसे आप साइकिल चलाते हैं तो आपको साइकिल चलाने का तजुर्बा हो जाता है। उनको रेप का तजुर्बा है। मान से फिर पूछा गया कि क्या वे कंगना रनोट की बात कर रहे हैं। इस पर मान ने कहा कि बिल्कुल, वह कंगना रनोट की बात कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने कही थी यह बात : बता दें इससे पहले भाजपा सांसद ने सुझाव दिया था कि अगर सरकार द्वारा कड़े कदम नहीं उठाए गए होते तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, रनौत ने आरोप लगाया कि अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान “शव लटकते हुए देखे गए और बलात्कार हो रहे थे”। उन्होंने एक्स पर कहा “बांग्लादेश में जो हुआ, वह आसानी से यहां भी हो सकता था। विदेशी ताकतों की साजिश है और ये फिल्मी लोग इसी पर फलते-फूलते हैं। उन्हें परवाह नहीं है कि देश बर्बाद हो जाए,”।ये विरोध तभी खत्म हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ने कानूनों को वापस लेने की घोषणा की।
कंगना ने सिमरनजीत मान के बयान को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया. साथ में लिखा : ऐसा लगता है कि ये देश कभी रेप जैसे मुद्दे को महत्वहीन बनाना बंद नहीं करेगा. आज इन सीनियर पॉलीटिशियन ने रेप की तुलना साइकिल चलाने से की है. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बलात्कार को मज़े की तरह देखना इस पितृसत्तात्मक देश के दिमाग में बैठ चुका है. इसका मतलब महिलाओं का उपहास करने के लिए इस्तेमाल होता है फिर चाहे वो हाई प्रोफाइल फिल्ममेकर या पॉलीटिशियन ही क्यों ना हो.
भाजपा ने टिप्पणियों से खुद को अलग किया : भाजपा ने किसानों के विरोध के खिलाफ उनकी टिप्पणियों से तुरंत खुद को अलग कर लिया और उनसे कहा कि वे बेवजह न बोलें। रनौत ने इंडिया टुडे से कहा, “पार्टी नेतृत्व ने मुझे फटकार लगाई और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी की अंतिम आवाज हूं। मैं इतनी पागल या मूर्ख नहीं हूं कि इस पर विश्वास करूं।” गुरुवार सुबह उन्हें पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी दिल्ली स्थित अपने आवास पर बुलाया था। भाजपा की यह सार्वजनिक फटकार हरियाणा में चुनाव से पहले आई है, जो किसानों के विरोध से काफी प्रभावित राज्य है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा 10 सीटों से घटकर सिर्फ पांच पर आ गई। इस बीच, कांग्रेस ने राज्य में अपना वोट शेयर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 43 प्रतिशत कर लिया।
रनौत ने कहा कि वह अपने शब्दों को लेकर अधिक सावधान रहेंगी और पार्टी की नीतियों के साथ अधिक निकटता से जुड़ेंगी। उन्होंने कहा, “मैं अपने शब्दों को लेकर अधिक सावधान रहने और पार्टी की नीतियों के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हूं। क्योंकि भाजपा के लिए, हम रहें या न रहें, भारत रहना चाहिए।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की टिप्पणी की आलोचना : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर रनौत की विवादास्पद टिप्पणी की आलोचना की। मान ने कहा कि रनौत को उनके संसदीय क्षेत्र मंडी में मुद्दों को संबोधित करने के लिए चुना गया था, न कि “बेतुके” और “निराधार” बयान देने के लिए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा कि किसान देश के लिए खाद्य उत्पादक हैं और किसी को भी इस तरह के बयान देकर उनका अपमान करने का अधिकार नहीं है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रनौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।