पंजाब सरकार जब तक FIR नहीं करती, शुभकरण का अंतिम संस्कार नहीं होगा : किसान नेता पंधेर

by

चंडीगढ़, 23 फरवरी (भाषा) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा पुलिस की पंजाब के किसानों के साथ हुई झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक पंजाब सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती।

यह घटनाक्रम पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से एक करोड़ रुपये का मुआवजा और शुभकरण की बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा के बाद सामने आया। पंजाब के बठिंडा निवासी शुभकरण सिंह (21) की मौत पंजाब और हरियाणा की सीमा खनौरी में बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हुई झड़प के दौरान हो गई थी। यह घटना तब हुई जब किसानों को रोकने के लिए हरियाणा प्रशासन द्वारा लगाए गए कई स्तर के अवरोधकों को उन्होंने तोड़ने की कोशिश की और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।

पटियाला स्थित राजेंद्र अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार शुभकरण के सिर पर चोट लगी थी। किसानों द्वारा अपनी मांगें मानने के लिए दबाव डालने के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई। पटियाला में संवाददाताओं से बातचीत में किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने जोर दिया था कि शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब अधिकारियों ने बताया कि यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ”हमने (शुभकरण के) परिवार से कहा कि इसमें दो दिन या 10 दिन लगे। हमारे लिए पैसे महत्वपूर्ण नहीं है। हम प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं और उसके बाद ही अंतिम संस्कार होगा।”

पंधेर ने पंजाब सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे शुभकरण के परिवार पर अंतिम संस्कार के लिए सहमत होने के लिए ‘दबाव’डाल रहे हैं। एक सवाल के जवाब में किसान मजदूर मोर्चा के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पुलिस हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकी है।

उन्होंने कहा, ” अगर आप प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकते तो खुद को “पंजाब दे राखे’ ‘(पंजाब का रक्षक) कैसे कह सकते हैं?” डल्लेवाल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अगर वे प्राथमिकी दर्ज करते हैं तो हरियाणा के सुरक्षाकर्मी भी जवाब में ऐसा ही करेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में डल्लेवाल ने कहा, ”हमारे आंदोलन के दौरान एक युवक की मौत हो गई। हमारी प्राथमिकता उसके लिए न्याय सुनिश्चित करना है। हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह पंजाब सरकार पर निर्भर है कि वह हमें कितनी जल्दी न्याय देगी।”

राष्ट्रीय राजधानी के लिए मार्च के आह्वान को लेकर अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पंधेर ने कहा, ” हम बैठक करेंगे और अपना रुख स्पष्ट करेंगे।”

पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने शुक्रवार को मुआवजा और शुभकरण की बहन को नौकरी देने की घोषणा की।

मान ने पंजाबी भाषा में एक पोस्ट में कहा, ”खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

किसान नेताओं ने सिंह को ‘शहीद’ का दर्जा दिए जाने की भी मांग की है।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा था कि वह युवा किसान की मौत से दुखी हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मान ने कहा था, ”पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। उसकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।”

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 2020-21 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। उसने घोषणा की है कि किसान शुभकरण की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को &’काला दिवस&’ मनाएंगे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले जलाएंगे।

मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान 26 फरवरी को राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अखिल भारतीय किसान मजदूर महापंचायत आयोजित करेंगे। एसकेएम दिल्ली चलो आंदोलन का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसने इसे समर्थन दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

किसान नेताओं ने सिंह की मौत हो जाने के बाद बुधवार को यह मार्च दो दिन के लिए रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि वे शुक्रवार शाम को अपना अगला कार्यक्रम तय करेंगे।

फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हजारों किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

कोविड की मौजूदा स्थिति की समीक्षा हेतु सांसद मनीष तिवारी द्वारा जिला रूपनगर में उच्चाधिकारियों से बैठक

रूपनगर: जिला रूपनगर में कोरोना वायरस की मौजूदगी की स्थिति और प्रशासन द्वारा किए जा रहे बंदोबस्तों का जायजा लेने हेतु श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी द्वारा आज कनाल रेस्ट हाउस, रूपनगर...
article-image
पंजाब

MoU Signed Between Red Cross

Fellowship offers “Earn While You Learn” opportunity for youth: DC Ashika Jain – Selected fellows to receive stipend and contribute to policy-making Hoshiarpur / Daljeet Ajnoha/june 27 : Deputy Commissioner Ashika Jain announced that...
article-image
पंजाब

नैणवां में माता स्वर्ण कौर को भेंट की गणमान्य ने श्रद्धांजलि

गढ़शंकर : ऊना जनहित मोर्चा के सलाहकार, समाजसेवी भाग सिंह अटवाल तथा थानेदार निरपाल सिंह अटवाल नंगल के माता जी सरवन कौर जो पिछले दिनीं पंचतत्व में विलीन हो गए थे, के निमित्त उनके...
article-image
पंजाब

सरकारी हाई स्कूल डघाम में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की 

गढ़शंकर, 6 मई: पंजाब सरकार स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों पर तथा एसएमओ पीएचसी पोसी डा. रघुवीर सिंह के दिशा निर्देशों  अनुसार सरकारी हाई स्कूल में डघाम में छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ने वाले...
Translate »
error: Content is protected !!