पहलः बुजुर्गों,जरूरतमंदों को मिलेगी घर द्वार पर स्वास्थ्य देखभाल सेवा: डीसी डा निपुण जिंदल

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कांगड़ा जिला के तीन चिकित्सा खंडों की 189 गांवों के लिए प्लान तैयार
जेरीएट्रिक होम केयर को विकसित करने वाला सूबे का पहला जिला कांगड़ा
धर्मशाला, 17 जुलाई। कांगड़ा जिला में सेहत सेवा अभियान के तहत वरिष्ठ नागरिकों, चलने फिरने में असमर्थ रोगियां को उनके घर द्वार पर देखभाल तथा बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी इस के लिए जिला प्रशासन की ओर से रेड क्रास सोसाइटी, स्वास्थ्य विभाग तथा एजुकेयर के सहयोग से पायलट आधार पर तीन चिकित्सा खंडों शाहपुर, त्यारा, नगरोटा बगबां में जेरीएट्रिक होम केयर प्रबंधन प्रणाली विकसित करने का प्लान तैयार किया गया है।
यह जानकारी सोमवार को एनआईसी सभागार में सेहत सेवा अभियान के जेरीएट्रिक होम केयर प्रबंधन प्रणाली के पायलट प्रोजेक्ट की कार्य योजना तैयार करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत कांगड़ा जिला के तीन चिकित्सा खंडों की 189 गांवों में 378 देखभाल सहायक एवं मेडिकल तकनीशियन प्रशिक्षित किए जाएंगे, इस के लिए चयन तथा प्रशिक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में सीनियर सिटीजन तथा चलने फिरने में असमर्थ रोगियों को घर द्वार पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाई जा सके।
सीनियर सिटीजन होंगे लाभाविंत
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिला में पायलट आधार पर आरंभ किए जा रहे सेहत सेवा अभियान से बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल सुनिश्चित होगी और उन्हें बार-बार चेकअप के लिए अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा उनके आवश्यकतानुसार घर द्वार पर ही देखभाल सहायकों के माध्यम से सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में ऐसे कई बुजुर्ग हैं जिनको स्वास्थ्य देखभाल के लिए अन्य लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है ऐसे में प्रशिक्षित देखभाल सहायक काफी मददगार साबित होंगे।
क्या है जेरीएट्रिक केयर हेल्प सर्विस
जेरीएट्रिक केयर हेल्प सर्विस बुजुर्गों की हेल्थकेयर, होम केयर, हाउसिंग, डे केयर जरुरतों को पूरा करती हैं। प्रशिक्षित देखभाल सहायक बुजुर्गों तथा चलने फिरने में असमर्थ रोगियों की बिल्कुल नियोजित तरीके से देखभाल करते हैं, ये प्रोफेशनल्स बुजुर्गों के अकेलेपन को काफी नजदीक से समझते हैं। ये उनको मानसिक और शारीरिक रुप से सक्रिय करने के लिए समय-समय पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे तथा बुजुर्गो की हर गतिविधि को लगातार मॉनिटर किया जाएगा। बुजुर्गों के आदत, खान-पान के तरीके या फिर व्यवहार में हो रहे बदलाव के बारे में परिवार के सदस्यों को समय-समय पर अवगत करवाएंगे। इसके अलावा शूगर, बीपी, यूरेन जैसे टेस्ट भी घर द्वार पर ही करने की सुविधा प्रशिक्षित देखभाल सहायकों द्वारा किया जाता है। डॉक्टर के निर्देश के मुताबिक हर मेडिकल जरुरत समय-समय पर भी उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया जाएगा।
राज्य भर में जिला कांगड़ा प्रशासन की है यह पहल:
राज्य भर में सेहत सेवा अभियान के तहत जेरीएट्रिक केयर हेल्प सर्विस को आरंभ करने की दिशा में कांगड़ा जिला में पायलट आधार पर पहल की गई है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह सेवा कांगड़ा जिला के तीन चिकित्सा खंडों में आरंभ की जाएगी इस के लिए देखभाल सहायकों की नियुक्ति तथा प्रशिक्षण प्रक्रिया के लिए विशेषज्ञों की देखरेख में मॉडूयल भी तैयार किया जा रहा है तथा इन तीन चिकित्सा खंडों में अभियान के बेहतर परिणाम आने के बाद पूरे जिला भर इस सेवा को आरंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर सेहत सेवा अभियान के समन्वयक हरजीत भुल्लर ने प्रजेंटेशन के माध्यम से कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एडीसी सौरभ जस्सल, सीएमओ सुनील शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डा गुलेरी सहित विभिन्न विभागों के लोग उपस्थित थे।

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