होशियारपुर:
मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि डायेक्टर कृषि व किसान कल्याण विभाग डा. सुखदेव सिंह सिद्धू के निर्देशों पर जिले में धरती के जल स्तर को बचाने के लिए किसानों को किसान कामयाब पंजाब मिशन के अंतर्गत धान की सीधी बिजाई के अंतर्गत रकबा बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने से 25 प्रतिशत पानी की बचत होती है व धान के झाड़ पर भी कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि गिर रहे जल स्तर को रोकने के लिए धान की सीधी बिजाई बहुत सहायक साबित होती है। इस लिए हमें धरती के जल स्तर को बचाने के लिए कम पानी लेने वाली फसलों या तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए।
डा. विनय कुमार ने बताया कि पंजाब में करीब 30 लाख हैक्टेयर रकबे पर धान की फसल की काश्त की जाती है, जिसको पालने के लिए धरती के नीचे ट्यूबवेल के माध्यम से पानी निकालना पड़ता है। एक अनुमान के अनुसार एक किलो चावल पैदा करने के लिए 3000 से 4000 लीटर पानी की जरुरत पड़ती है, जिसके कारण खरीफ की धान की फसल को पैदा करने के लिए लाखों लीटर पानी का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि धान की फसल को पैदा करने के लिए धरती से निकाले गए पानी का ज्यादातर हिस्सा वाष्पीकरण के माध्यम से उड़ जाता है। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई हमेशा मध्यम से भारी जमीनों पर ही करनी चाहिए व थोड़े समय में पकने वाली किस्मों को ही पहल देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई संबंधी किसी भी तरह की समस्या संबंधी ब्लाक कृषि अधिकारी या कृषि विकास अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
पानी के गिर रहे स्तर को रोकने में सहायक साबित होगी धान की सीधी बिजाई: डा. विनय कुमार
May 31, 2021