17 वर्षीय पोते ने टी.वी. सीरियल देखकर वारदात को दिया था अंजाम
माता -पिता शादी की वर्षगांठ के लिए ख़रीदारी के लिए गए थे बाज़ार
एस.पी. रविन्द्रपाल सिंह संधू, डी.एस.पी. गुरप्रीत सिंह और थाना हरियाणा प्रमुख पर आधारित टीम ने कुछ ही घंटों में में जांच मुकम्मल की
होशियारपुर : एक बेहद खौफनाक घटना में नजदीकी गांव बस्सी काले खान में एक पोते द्वारा अपनी करीब 83 वर्षीय दादी को कत्ल करके आग लगाने का मामला सामने आया है, जिसे ज़िला पुलिस ने 10 घंटों के अंदर ही हल करके आरोपी को काबू कर लिया है। पूछताछ दौरान यह सामने आया कि आरोपी जुवराज सिंह उम्र करीब 17 साल ने इस वारदात को टी.वी. सीरियल देखकर अंजाम दिया था।एस.एस.पी. नवजोत सिंह माहल ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि हरजीत सिंह निवासी गांव बस्सी काले खान थाना हरियाणा की तरफ से बयान दिया गया था कि उसकी माता जोगिन्द्र कौर करीब साढ़े तीन महीने से दाहिनी टांग की हड्डी टूटने कारण बैड पर ही थी। हरजीत सिंह ने बताया कि 12 अप्रैल को उसके विवाह की वर्षगांठ होने के कारण वह अपनी पत्नी जसपाल कौर के साथ दोपहर करीब 2 बजे स्कूटर पर खरीददारी के लिए हरियाणा गए थे और जब वह वापस गांव को आ रहे थे तो रास्ते में उसके बेटे जुवराज सिंह ने फ़ोन करके कहा कि जल्दी घर आ जाओ घर में कुछ लोगों ने हमला कर दिया है। जब हरजीत सिंह और उसकी पत्नी जसपाल कौर अपने एक पड़ोसी को साथ लेकर मेन गेट पर पहुंचे तो वह बंद पड़ा था जिस पर उन्होंने घर के छोटे गेट से दाख़िल होकर अंदर देखा कि उनकी माता के कमर में और बैड को आग लगी हुई थी। दूसरे कमरे में जुवराज सिंह बैड बॉक्स में लेटा पड़ा था और बैड बॉक्स के सभी कपड़े बिखरे पड़े थे और उसके हाथ पैर दुपट्टे के साथ बंधे हुए थे।
नवजोत सिंह माहल ने बताया कि हरजीत सिंह के बयानों के मुताबिक उन्होंने उसके हाथ पैर खोले और शोर पड़ने पर गांव के लोग भी इकठ्ठा हो गए जहाँ जुवराज ने बताया कि चार लोग सीढ़ियों के पास से घर में दाख़िल हुए थे और उसको हाथ पैर बांध कर बैड में फैंक दिया था और दादी के कमरे और उनके बैड को आग लगा दी थी। उन्होंने बताया कि जुवराज ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों ने धमकी दी कि वह अपने पिता से बोलें कि केस वापस ले लो नहीं तो सारा परिवार मार दिया जायेगा। आग में बुज़ुर्ग का शरीर बुरी तरह जल गया था और उनके माथे के दाहिने तरफ़ गहरे ज़ख़्म का निशान था। पुलिस की तरफ से हरजीत सिंह के बयानों पर थाना हरियाणा में आई.पी.सी. की धारा 302 /201 /34 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
ज़िला पुलिस प्रमुख ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए एस.पी. (डी) रवीन्द्र पाल सिंह संधू, डी. एस. पी. (देहाती) गुरप्रीत सिंह और थाना हरियाणा के इंस्पेक्टर हरगुरदेव सिंह पर आधारित टीम बनाई गई जिसने बहुत ही बारीकी के साथ जांच करते और हालातों को देखते हुए शक के आधार पर जुवराज सिंह से पूछताछ की तो यह पाया गया कि यह कत्ल सोची समझी साजिश के अंतर्गत जुवराज सिंह की तरफ से ही किया गया था। नवजोत सिंह माहल ने बताया कि टीम की तरफ से पूछताछ दौरान जुवराज ने बताया कि वह अपनी दादी से बहुत दुखी था और उसके कत्ल बारे सोचता रहता था। उसने ही 12 अप्रैल को दादी के सिर में लोहो की राड के साथ चोटों मार कर कत्ल करने के बाद तेल डालकर आग लगा दी और यह सारी कहानी बनाई जिसके बाद अपने माता -पिता को फ़ोन करके घर में हमला होने की झूठी जानकारी दी। ज़िक्रयोग्य है कि पुलिस ने आरोपी की तरफ से वारदात में इस्तेमाल की गई राड, तेल की कैनी और बोतल आदि बरामद कर ली है।
माता -पिता शादी की वर्षगांठ के लिए ख़रीदारी के लिए गए थे बाज़ार
एस.पी. रविन्द्रपाल सिंह संधू, डी.एस.पी. गुरप्रीत सिंह और थाना हरियाणा प्रमुख पर आधारित टीम ने कुछ ही घंटों में में जांच मुकम्मल की
होशियारपुर : एक बेहद खौफनाक घटना में नजदीकी गांव बस्सी काले खान में एक पोते द्वारा अपनी करीब 83 वर्षीय दादी को कत्ल करके आग लगाने का मामला सामने आया है, जिसे ज़िला पुलिस ने 10 घंटों के अंदर ही हल करके आरोपी को काबू कर लिया है। पूछताछ दौरान यह सामने आया कि आरोपी जुवराज सिंह उम्र करीब 17 साल ने इस वारदात को टी.वी. सीरियल देखकर अंजाम दिया था।एस.एस.पी. नवजोत सिंह माहल ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि हरजीत सिंह निवासी गांव बस्सी काले खान थाना हरियाणा की तरफ से बयान दिया गया था कि उसकी माता जोगिन्द्र कौर करीब साढ़े तीन महीने से दाहिनी टांग की हड्डी टूटने कारण बैड पर ही थी। हरजीत सिंह ने बताया कि 12 अप्रैल को उसके विवाह की वर्षगांठ होने के कारण वह अपनी पत्नी जसपाल कौर के साथ दोपहर करीब 2 बजे स्कूटर पर खरीददारी के लिए हरियाणा गए थे और जब वह वापस गांव को आ रहे थे तो रास्ते में उसके बेटे जुवराज सिंह ने फ़ोन करके कहा कि जल्दी घर आ जाओ घर में कुछ लोगों ने हमला कर दिया है। जब हरजीत सिंह और उसकी पत्नी जसपाल कौर अपने एक पड़ोसी को साथ लेकर मेन गेट पर पहुंचे तो वह बंद पड़ा था जिस पर उन्होंने घर के छोटे गेट से दाख़िल होकर अंदर देखा कि उनकी माता के कमर में और बैड को आग लगी हुई थी। दूसरे कमरे में जुवराज सिंह बैड बॉक्स में लेटा पड़ा था और बैड बॉक्स के सभी कपड़े बिखरे पड़े थे और उसके हाथ पैर दुपट्टे के साथ बंधे हुए थे।
नवजोत सिंह माहल ने बताया कि हरजीत सिंह के बयानों के मुताबिक उन्होंने उसके हाथ पैर खोले और शोर पड़ने पर गांव के लोग भी इकठ्ठा हो गए जहाँ जुवराज ने बताया कि चार लोग सीढ़ियों के पास से घर में दाख़िल हुए थे और उसको हाथ पैर बांध कर बैड में फैंक दिया था और दादी के कमरे और उनके बैड को आग लगा दी थी। उन्होंने बताया कि जुवराज ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों ने धमकी दी कि वह अपने पिता से बोलें कि केस वापस ले लो नहीं तो सारा परिवार मार दिया जायेगा। आग में बुज़ुर्ग का शरीर बुरी तरह जल गया था और उनके माथे के दाहिने तरफ़ गहरे ज़ख़्म का निशान था। पुलिस की तरफ से हरजीत सिंह के बयानों पर थाना हरियाणा में आई.पी.सी. की धारा 302 /201 /34 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
ज़िला पुलिस प्रमुख ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए एस.पी. (डी) रवीन्द्र पाल सिंह संधू, डी. एस. पी. (देहाती) गुरप्रीत सिंह और थाना हरियाणा के इंस्पेक्टर हरगुरदेव सिंह पर आधारित टीम बनाई गई जिसने बहुत ही बारीकी के साथ जांच करते और हालातों को देखते हुए शक के आधार पर जुवराज सिंह से पूछताछ की तो यह पाया गया कि यह कत्ल सोची समझी साजिश के अंतर्गत जुवराज सिंह की तरफ से ही किया गया था। नवजोत सिंह माहल ने बताया कि टीम की तरफ से पूछताछ दौरान जुवराज ने बताया कि वह अपनी दादी से बहुत दुखी था और उसके कत्ल बारे सोचता रहता था। उसने ही 12 अप्रैल को दादी के सिर में लोहो की राड के साथ चोटों मार कर कत्ल करने के बाद तेल डालकर आग लगा दी और यह सारी कहानी बनाई जिसके बाद अपने माता -पिता को फ़ोन करके घर में हमला होने की झूठी जानकारी दी। ज़िक्रयोग्य है कि पुलिस ने आरोपी की तरफ से वारदात में इस्तेमाल की गई राड, तेल की कैनी और बोतल आदि बरामद कर ली है।