प्रतिभा सिंह के दावे को दरकिनार कर सुक्खू ने शिमला से अपनी मर्जी मुताबिक बनाए 2 मंत्री : कांग्रेस सरकार ने आज 7 मंत्रियों काे शपथ दिलाई, 6 सीपीएस भी बनाए

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शिमला ; कांग्रेस सरकार ने आज 7 मंत्रियों काे शपथ दिलाई और मुख्यमंत्री ने 6 सीपीएस भी बनाए। मंत्री पद के लिए सबसे पहले कर्नल धनीराम शांडिल को शपथ दिलाई गई। इनके बाद विधायक चंद्र कुमार, हर्षवर्धन, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। अकेले शिमला जिले से 3 विधायक विक्रमादित्य, रोहित और अनिरुद्ध मंत्री बने हैं। इसके अलावा कांगड़ा से चंद्र कुमार, किन्नौर से जगत ​​​​​​सिंह ​नेगी, सोलन से धनीराम शांडिल और सिरमौर से हर्षवर्धन को भी मंत्री बनाया गया है। हमीरपुर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और ऊना से डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। 5 जिलों को कोई मंत्री पद नहीं मिला। मंत्रियों को शपथ दिलाने से पहले मंत्री बनने से चूके 6 विधायकों को मुख्यमंत्री ने मुख्य संसदीय सचिव की शपथ दिलाई। इनमें सुंदर सिंह ठाकुर, एमएल ब्राक्टा, राम कुमार, आशीष बुटेल, किशोरी लाल और संजय अवस्थी शामिल हैं।
मंत्रियों में कर्नल धनीराम शांडिल जिला सोलन। जन्म 20 अक्टूबर 1940 को हुआ। शांडिल 1962 से 1996 तक इंडियन आर्मी में रहे। कर्नल धनीराम शांडिल ने सबसे पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के गठबंधन में चुनाव लड़ा और सांसद बने। बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और 2012 में सोलन से कांग्रेस की टिकट पर विधायक बनकर वीरभद्र कैबिनेट में मंत्री बने। 2017 में भी विधायक बने। अब 2022 के विधानसभा चुनाव जीतने पर उन्हें फिर मंत्री
जगत सिंह नेगी, किन्नौर सीट। जगत नेगी का जन्म 2 फरवरी 1957 को हुआ। इन्होंने DAV कॉलेज चंडीगढ़ से BA के बाद LLB की और किन्नौर कोर्ट में वकालत की। जगत सिंह ने वर्ष 1995 में किन्नौर सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद वे 2003 में भी विजयी हुए, लेकिन 2007 के चुनाव में हार गए। इसके बाद नेगी 2012 में चुनाव जीतकर 2013 में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहे। बाद में इन्होंने 2017 का चुनाव भी जीता। अब 2022 का चुनाव जीतकर वह पहली बार मंत्री बने हैं।
अनिरुद्ध सिंह, कसुम्पटी, जिला शिमला। जन्म 27 जनवरी, 1977 को शिमला में हुआ। उन्होंने शिमला कॉलेज से BA की। युवा कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करके उन्होंने सबसे पहली जिला परिषद का चुनाव लड़ा। वर्ष 2005 और 2010 में चम्याणा वार्ड से जिला परिषद सदस्य चुने गए। वह 2011 से 2013 तक जिला परिषद शिमला के अध्यक्ष बने। इसके बाद अनिरुद्ध सिंह 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 में वह दूसरी बार MLA बने और अब 2022 में तीसरी बार विधानसभा पहुंचकर मंत्री बने हैं।
रोहित ठाकुर, जुब्बल-कोटखाई, शिमला जिला। जन्म 14 अगस्त, 1974 को हुआ। उन्होंने शिमला कॉलेज से राजनीतिक शास्त्र में BA ऑनर्स किया। अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर की राजनीतिक विरासत संभालते हुए रोहित ने वर्ष 2000 में युवा कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। वह सबसे पहली बार 2003 में जुब्बल-कोटखाई से विधायक बने। वर्ष 2012 में दूसरी बार MLA बने। इसी दौरान उन्हें 2013-17 तक CPS बनाया गया। उन्होंने 2021 में तीसरी बार विधानसभा उपचुनाव जीता। अब 2022 में चौथी बार विधायक बनने पर रोहित को मंत्री बनाया गया।
विक्रमादित्य सिंह, शिमला ग्रामीण सीट जिला शिमला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्तूबर 1989 को शिमला में हुआ। इन्होंने इतिहास में पीजी की डिग्री सेंट स्टीफनज कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। वह वर्ष 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वह दिसंबर 2017 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और सार्वजनिक उपक्रम समिति व ई-गवर्नेंस एवं सामान्य प्रायोजन समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए दोबारा विधायक पद पर चुने।अब पहली बार इन्हें मंत्री बनाया गया हैं।
चंद्र कुमार, ज्वाली सीट जिला कांगड़ा। जन्म 8 मई 1944 को हुआ। इन्होंने पंजाब व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की।चंद्र कुमार ने पहला चुनाव वर्ष 1977 में आजाद प्रत्याशी के रूप में लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद अगला चुनाव कांग्रेस टिकट पर लड़ा और 1982 से 1985 तक स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और जन-संपर्क,उप-मंत्री रहे। फिर से जीतकर 1985 से 1989 तक कृषि और कला, भाषा एवं संस्कृति व मत्स्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इनके पास रहा। 1989 से 1990 सिंचाई, जन-स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा मंत्री का कार्यभार देखा। वर्ष 1993 से 1998 और 2003 से 2004 तक वन मंत्री बने रहे ।वर्ष 2004 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से 14वीं लोक सभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और शांता कुमार को हराया।
हर्षवर्धन सिंह चौहान, शिलाई सीट, जिला सिरमौर: हर्षवर्धन ने कॉलेज टाइम में NSUI से अपनी राजनीति शुरू की। वह शिलाई विधानसभा से 1993 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1998, 2003, 2007 में भी विजयी होकर विधानसभा पहुंचे। इस बीच 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बाद में 2017 के चुनाव फिर जीते और अब 2022 में जीतकर
एक महीने के इंतजार के बाद कैबिनेट विस्तार
विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आए गए थे। 9 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें CM चेहरा चुनने के लिए हाईकमान को अधिकृत किया गया। 10 दिसंबर की शाम को सुखविंदर सुक्खू को मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी CM चुना गया।

इसके अगले ही दिन यानी 11 दिसंबर को CM और डिप्टी CM को रिज पर शपथ दिलवाई गई। इस तरह रिजल्ट आए एक माह से अधिक समय बीत गया। मगर, अब तक कैबिनेट विस्तार नहीं होने की वजह से विपक्ष भी हमलावर होने लगा था। आज यह इंतजार खत्म होने जा रहा है।
3 जिलों को न मंत्री, न CPS : कैबिनेट में मंडी, बिलासपुर और लाहौल स्पीति जिले को न मंत्री और न ही मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मिला है। पहले चरण में 7 मंत्री बनाए हैं। इनमें से 3 मंत्री, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और कांगड़ा से एक-एक मंत्री बनाया गया।
सबसे बड़े कांगड़ा जिले को 1 ही मंत्री : कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। 15 में से 11 सीटें कांग्रेस जीती है। इसलिए कांगड़ा से कम से कम 2 मंत्री बनाने के कयास लगाए जा रहे थे। मगर, सुक्खू ने कांगड़ा को एक ही मंत्री पद और 2 सीपीएस दिए हैं। कांगड़ा से मुख्यमंत्री सुक्खू ने चंद्र कुमार को मंत्री तथा आशीष बुटेल व किशोरी लाल को सीपीएस बनाया।
मंडी जिले को 1 भी मंत्री नहीं :मंडी जिले को एक भी मंत्री और सीपीएस नहीं मिला, क्योंकि मंडी से कांग्रेस 10 में से एक ही धर्मपुर सीट जीत पाई है।
हमीरपुर को मुख्यमंत्री और डिप्टी मुख्यमंत्री ; हमीरपुर और ऊना जिले से आज किसी को भी मंत्री और सीपीएस नहीं बनाया गया। इसका कारण यह है कि हमीरपुर के नादौन से सुखविंदर सुक्खू मुख्यमंत्री तथा हरोली से डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पहले ही ताजपोशी हो चुकी है।
ख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कैबिनेट गठन में अपनी मर्जी चलाकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को आइना दिखा दिया है। सुक्खू ने शिमला से 2 मंत्री बनाकर बता दिया है कि वह हिमाचल कांग्रेस के नए बॉस हैं।अंदरखाते हॉली लाज निरंतर रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह को मंत्री बनाने का विरोध कर रहा था और रामपुर से नंदलाल व रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा को मंत्री बनाने की मांग कर रहा था।

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