प्रदेश में 30 अक्टूबर को सरकार द्वारा इंतकाल अदालतें लगेगी : प्रदेश में करीब 25000 इंतकाल के मामले लटके हुए

by

शिमला: हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने के बाद इंतकाल का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, प्रदेश सरकार सालों से लटके इंतकाल के केसों के लिए निपटारे के लिए 30 अक्टूबर को इंतकाल अदालत प्रदेश में आयोजित करने जा रही है। इसके तहत लंबित इंतकाल के मामलों को निपटाया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में अधिकारियों की मंडे मीटिंग में यह फैसला लिया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को 30 अक्टूबर को विशेष इंतकाल अदालत आयोजित करने के निर्देश दिए।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब 25000 इंतकाल के मामले लटके हुए हैं। इन लोगों ने जमीन ने खरीदी हैं, लेकिन इंतकाल न होने से इनका मालिकाना हक इन लोगों को नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि सरकार ने इन इंतकाल को निपटने के लिए विशेष इंतकाल अदालत 30 अक्टूबर को लगाने का फैसला किया है। वहीं, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार 30 अक्टूबर को इंतकाल अदालत आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 25000 इंतकाल के केस पेंडिंग है। इस अदालत में इन पेंडिंग मामलों को निपटाया जाएगा. इसके बाद जो केस बचेंगे उनको आगे चरणबद्ध आगे निपटाया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में लोगों ने जमीन तो खरीद रखी हैं,लेकिन इनके इंतकाल नहीं हो रहे,इन लोगों के हित को देखते हुए सरकार ने इंतकाल अदालत करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीति सरकारी कामकाज में तेजी लाने की है ताकि आम लोगों को सहूलियत हो।

सरकार ने भू-राजस्व कानून में भी किया है संशोधन: प्रदेश सरकार ने भू-राजस्व कानून में भी संशोधन किया है। जिसमें भूमि की रजिस्ट्री, इंतकाल, विभाजन, निशानदेही आदि को निर्धारित समय में पूरा करने का प्रावधान है । सरकार ने प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व संशोधन विधेयक पारित कराया है। इस विधेयक के पारित हो जाने से अब राजस्व अधिकारियों को एक निर्धारित समय अवधि के भीतर लोगों के कार्यों को निपटाना होगा। ऐसा नहीं करने वाले राजस्व अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। इसमें संबंधित राजस्व अधिकारी की सीआर में नकारात्मक टिप्पणी भी शामिल है।

इस विधेयक के अनुसार किसी भी राजस्व अधिकारी को अब बंदोबस्त, निशानदेही, विभाजन और इस तरह के अन्य कार्य अधिकतम 9 महीने के भीतर निपटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। प्रदेश में इस समय निशानदेही के 27 हजार 127, बंदोबस्त के 22 हजार 786 और विभाजन के 25 हजार 705 मामले लंबित है. इंतकाल के भी करीब 25 हजार मामले लंबित हैं। राजस्व मामलों की भारी लंबित संख्या को देखते हुए सरकार ने इन मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए सरकार ने यह संशोधन किया है।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

शाहपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को दिलाई शपथ : विधायक केवल सिंह पठानिया ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को दी बधाई

धर्मशाला, 21 अगस्त। शाहपुर के एसडीएम कार्यालय के सभागार में नगर पंचायत शाहपुर के नव निर्वाचित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को शपथ दिलाई । इस अवसर पर स्थानीय विधायक केवल पठानिया विशेष रूप से उपस्थित...
article-image
हिमाचल प्रदेश

6 वर्षीय बच्चे की इंजेक्शन लगाने से मौत : स्टाफ नर्स के खिलाफ मामला दर्ज

रामपुर :खनेरी अस्पताल में इलाज दौरान बच्चे की इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। मृतक के पिता की शिकायत पर रामपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज मार जांच शुरु कर दी है। मृतक के...
article-image
पंजाब , हिमाचल प्रदेश

मोदी, अमित शाह व बृजभूषण शरण के पुतले फूंके : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए शहर में मार्च निकालकर बृजभूषण को तुरंत ग्रिफ्तार करने की मांग

गढ़शंकर । संयुक्त किसान मोर्चा के आमंत्रण पर गढ़शंकर की संघर्षत किसान यूनियनों कीर्ति किसान यूनियन, कुल हिंद किसान सभा, जमरूरी किसान सभा, डेमोक्रेटिक एम्प्लॉइज फेडरेशन, डेमोक्रेटिक पेंशनर्स फ्रंट, जीवन जागृति मंच, जनवादी स्त्री...
article-image
हिमाचल प्रदेश

बच्चों में मंप्स रोग के प्रति ऐहतियात बरतें

हमीरपुर 27 जनवरी। जिला मुख्यालय के विभिन्न स्कूलों के नन्हें विद्यार्थियों में मंप्स रोग के फैलने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विशेष ऐहतियात बरतने की अपील की है। मुख्य...
Translate »
error: Content is protected !!