बढ़ते राजस्व व राजकोषीय घाटे से दबाव में हिमाचल की अर्थव्यवस्था : अर्थव्यवस्था को दबाव से निकालने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने की जरूरत

by
एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था दबाव में है। बढ़ते राजस्व व राजकोषीय घाटे के साथ-साथ पेंशन व उपदानों पर होने वाले खर्च पर बढ़ोतरी होने से अर्थव्यवस्था पर दबाव और बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में राजस्व घाटा अनुदान में 1800 करोड़ रुपए की कमी होने से अर्थव्यवस्था को दबाव से निकालने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
              विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) की रिपोर्ट का यही लबोलुआब है।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शनिवार को एफआरबीएम की रिपोर्ट सदन में पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में दिसंबर माह तक राजस्व घाटा बजट अनुमानों से 1493.25 करोड़ रुपए अधिक रहने का अनुमान है। राजस्व घाटा बढ़ने की वजह वेतन, पेंशन तथा उपदानों पर होने वाला अधिक खर्च है। 1493 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ राजस्व घाटा बढ़कर 6006.86 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान एफआरबीएम में लगाया गया है। इसी तरह राजकोषीय घाटा 2308.11 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ 6836.64 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
बढ़ते खर्चों के साथ-साथ प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों का अनुमान भी गड़बड़ाया है। खासतौर से वाटर सेस लगाने का मामला अदालतों में विचाराधीन होने के कारण खजाने में आने वाले एक हजार करोड़ रुपए की राशि का मामला फिलहाल अधर में है। इसी तरह बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में राजस्व घाटा अनुदान में भी 1800 करोड़ रुपए की कमी आई है। केंद्र से यह राशि न मिलने से सरकार का राजस्व घाटा बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में राजस्व खर्चों में 1288.50 करोड़ रुपए की वृद्धि का अनुमान है। इसी तरह केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर खर्च होने वाली रकम भी 1154.92 करोड़ रुपए बढ़ी है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, अम्रूत, पीएम श्री तथा रेणुका बांध विस्थापितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि भी शामिल है।
संस्थान बंद करने पर विपक्ष का वाकआउट
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने सुक्खू सरकार की राज्य में संस्थानों को बंद करने के मुद्दे पर जोरशोर से घेराबंदी की और बाद में मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार सिर्फ नीड बेस्ड नए संस्थान खोल रही है और भविष्य में भी इसी आधार पर संस्थान खोले जाएंगे। उन्होंने अगले कुछ माह के दौरान प्रदेश में एसडीएम कार्यालयों का युक्तिकरण करने की भी घोषणा की। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के मूल सवाल के जवाब के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उनसे पूछे गए सवाल का सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं। इस मुद्दे पर सदन में दोनों तरफ से पहले खूब हो हल्ला हुआ और फिर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की तथा बाद में पूरा विपक्ष सदन से बाहर चला गया।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चुवाड़ी में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की करेंगे अध्यक्षता। उपायुक्त मुकेश रेपसवाल

एएम नाथ। चम्बा 9 फरवरी :  मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भटियात विधानसभा क्षेत्र के चुवाड़ी में शनिवार को सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। प्रदेश सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम सरकार गांव...
article-image
हिमाचल प्रदेश

10 मरीज आपरेशन के लिए चिन्हित : बीकेयू बंगाणा ने बलखालसा में लगाया मुफ्त आंखों कस चेकअप कैम्प

150 लोगों की आखों की हुई जाचं बंगाणा : भारतीय किसान युनियन की ब्लॉक बंगाणा ईकाई की और से नौवीं पात शाही बलखालसा में लगवाए मुफ्त आंखों के चेकआप कैम्प में 150 लोगों की...
article-image
हिमाचल प्रदेश

सुरक्षा गार्ड-सुरक्षा सुपरवाइजर के 150 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार : 8 से 12 जनवरी तक विभिन्न उप रोज़गार कार्यालयों में होंगे साक्षात्कार- आकाश राणा

धर्मशाला, 6 जनवरी। क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी कांगड़ा आकाश राणा ने बताया कि सिस इंडिया लिमिटेड शाहतलाई जिला बिलासपुर ने सुरक्षा गार्ड व सुरक्षा सुपरवाइजर के 150 पद अधिसूचित किए हैं। इन पदों के लिए...
article-image
हिमाचल प्रदेश

डीसी ने बढ़ेड़ा राजपूतां विद्यालय का किया औचक निरीक्षण

ऊना- उपायुक्त, ऊना राघव शर्मा ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला, बढ़ेड़ा राजपूतां का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जांचा। डीसी राघव शर्मा ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि ग्रामीण क्षेत्र में इस स्कूल...
Translate »
error: Content is protected !!