चंडीगढ़ : पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत बूटा सिंह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बृहस्पतिवार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष पेशी से छूट मांगी
वडिंग की ओर से अधिवक्ता अर्शप्रीत सिंह खडियाल आयोग के समक्ष पेश हुए; हालांकि, कार्यवाही के दौरान वह ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ जमा नहीं कर सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वडिंग को उनकी कथित जातिवादी टिप्पणियों के लिए छह नवंबर को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था।
वडिंग ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रदेश में उपचुनाव का हवाला देते हुए आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट मांगी और उपचुनाव समाप्त होने के बाद एक नयी तारीख देने का अनुरोध किया। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि तरनतारन जिला चुनाव अधिकारी सह उपायुक्त ने भी आयोग के समक्ष पेशी से छूट मांगी ।
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने एक औपचारिक पत्र के माध्यम से आयोग को सूचित किया कि वडिंग को एक नोटिस जारी कर मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है । उन्होंने बताया कि तरनतारन के डीईओ ने विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के कारण उपस्थिति से छूट का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि अनुरोध स्वीकार करते हुए आयोग ने 17 नवंबर तक का समय दे दिया है। गढ़ी ने बताया कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कपूरथला पुलिस ने वडिंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए, आयोग ने कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट की एक प्रति 10 नवंबर तक मांगी है।
वडिंग, बूटा सिंह के खिलाफ कथित जातिवादी टिप्पणी के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर हैं। यह टिप्पणी उन्होंने 11 नवंबर को तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वह वरिष्ठ कांग्रेस नेता बूटा सिंह को पितातुल्य मानते हैं और उनका या किसी और का कभी भी अनादर नहीं कर सकते।
