नई दिल्ली : भाजपा ने आज एक स्टिंग वीडियो जारी कर दावा किया कि नई शराब नीति से सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कमीशन कमाया है। स्टिंग जारी करने के बाद भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि हमने केजरीवाल और सिसोदिया से 5 सवाल पूछे थे । लेकिन कोई जवाब नहीं डिय गया । जिसके बाद आज हम स्टिंग के जरिए उन्हें एक्सपोज कर दिया है।
भाजपा नेतओं ने ने दावा किया कि स्टिंग में दिख रहा शख्स आबकारी मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में 13 नंबर के आरोपी शनि मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह हैं। भाजपा ने इस वीडियो के आधार पर बताते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में शराब नीति के जरिए दलाली कमाई गई।
उन्हींनो कहा के नई शराब नीति से जो लूट मची थी, उसका आज खुलासा इस वीडियो स्व हो गया है।
पात्रा ने कहा कि नई शराब नीति से जो लूट मची हुई थी, उसका आज खुलासा हुआ है। पहली बात यह है कि 80% का जो लाभ है वो दिल्ली की जनता की जेब से निकाल कर मनीष सिसोदिया और केजरीवाल ने दलाली के माध्यम से अपनी जेब में डाला।’
उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने इससे मोटी कमाई की है। केजरीवाल और सिसोदिया के मित्रों को इससे फायदा हुआ है। सिसोदिया को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। यह स्टिंग ऑपरेशन पब्लिक डोमेन में है। यह सबूत है कि कमीशन के चलते राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। नई शराब नीति के जरिए भारी लूट मचाई गई। दिल्ली की जनता अब स्वयं फैसला कर ले। अब तक आम आदमी पार्टी ने इस पर कोई जवाब ही नहीं दिया। वे मना तो करें कि ये उनका वीडियो नहीं है।
दिल्ली की पुरानी शराब नीति में 60% दुकानें सरकारी थीं :-
दिल्ली में पुरानी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था। इसमें L1 दुकानें DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शापिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं।
2003 से ही L1 और L10 लाइसेंस चल रहे थे। L10 वाइन शॉप के लाइसेंस शॉपिंग मॉल के लिए थे। हर साल वेंडर लाइसेंस रिन्यू के लिए फीस भरता है। वहीं होलसेल के लिए फिक्स प्राइज था और बिलिंग अमाउंट पर वैट लगता था।
दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।
दिल्ली सरकार ने नई नीति के तहत 2021 में सरकारी दुकानें बंद कर दीं
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था। हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।
सरकार ने लाइसेंस धारकों के लिए नियमों को भी आसान बनाया। इसके तहत उन्हें शराब पर डिस्काउंट देने और MRP पर बेचने के बजाय खुद कीमत तय करने की छूट दी। वेंडर्स को डिस्काउंट देने का फायदा भी हुआ। इससे शराब की बिक्री में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि विपक्ष के विरोध के बाद आबकारी विभाग ने कुछ समय के लिए छूट वापस ले ली।
दिल्ली में नई शराब नीति से क्या फायदा हुआ?
नई शराब नीति लागू होने के बाद से केजरीवाल सरकार के राजस्व में 27% का इजाफा हुआ। सरकार के खजाने में 8900 करोड़ रुपए आए।
सीबीआई ने सिसोदिया को बनाया एक्साइज स्कैम का आरोपी
नवंबर 2021 : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नई शराब नीति लागू की।
जुलाई 2022 : 22 जुलाई को दिल्ली के उप राज्यपाल ने नई शराब नीति में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की।
जुलाई 2022 : 30 जुलाई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। 1 अगस्त 2022 से पुरानी नीति पर ही शराब को बेचा जाएगा।
अगस्त 2022 : 19 अगस्त को सीबीआई ने दिल्ली की नई शराब नीति के मामले में डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास समेत 21 जगहों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है।