एएम नाथ। धर्मशाला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भ्रष्टाचार की ठोस शिकायत होने पर दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। हिमाचल में जो भी सरकार सत्ता में आती है, उसके साथ भ्रष्टाचार के स्टैंडिंग स्लोगन जुड़ जाते हैं।
सरकार यह विचार कर रही है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कोई एक्ट लाया जाए, इस बारे में कानूनी राय ली जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह बात सदन में भ्रष्टाचार पर नियम 67 के तहत लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी भ्रष्टाचार के आरोप मिलेंगे, कार्रवाई करेंगे। राज्य की संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा। खैर के अलावा और पेड़ नहीं काटे जाएं, इस पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान किया जा रहा है। जंगल कितने महीने के लिए प्रतिबंधित किए जाएं और कब तक खोले जाएं, इस पर भी विचार हो रहा है। प्रदेश में पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध रहेगा। खैर कटान के बारे में विचार होगा। हिमाचल में जहां नदी-नालों का चैनलाइजेशन हो, वहां खनन न हो, इसके लिए भी सरकार नीति लाएगी।
भाजपा के समय हुए घोटालों की धीरे-धीरे परतें खोली जाएंगी: सुक्खू
पर्यटन निगम की घाटे वाली यूनिटों का क्या करना है, इसे कैबिनेट में ले जाएंगे। सरकार पर्यटन की सारी पॉलिसी ओपन करना चाहती है कि लोग आएं और यहां पर काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के समय हुए घोटालों की धीरे-धीरे परतें खोली जाएंगी। जब नीति, नीयत और दिल साफ हो, तभी प्रदेश की सेवा होती है। सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय के कितने घोटालों की बात करें। उस समय हर कागज में घोटाला हुआ है। वर्तमान में किसी भी मंत्री और विधायक पर एक भी दोषारोपण नहीं है।
निजी भवनों से सरकारी में शिफ्ट किए 151 कार्यालय
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि 30 जून 2024 तक विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों के अधीन 13,142 कार्यालय निजी भवनों में किराये पर चल रहे हैं। विभिन्न विभागों/बोर्ड/निगमों के अधीन 151 कार्यालयों को निजी भवनों से सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है। कार्यालयों को शिफ्ट करने के बाद सरकार के 1,31,39,453 रुपये राजस्व की बचत हुई है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के इस सवाल का मुख्यमंत्री ने लिखित में जवाब दिया।
वेतनमान बकाया पर व्यय किए 824 करोड़
भाजपा विधायक त्रिलोक जंबाल के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान बकाया की दो किस्तों का भुगतान कर दिया गया है। इस पर लगभग 824 करोड़ रुपये का व्यय कर दिया गया है। वित्तीय स्थिति बेहतर करने के लिए वित्तीय प्रबंधन की प्रक्रिया जारी है। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होते ही भुगतान कर दिया जाएगा। केवल सिंह पठानिया के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि दो वर्ष में 284 अफसर विभिन्न कार्यक्रमों के तहत विदेश दौरे पर गए।
केंद्र सरकार से इस साल मिले 8623 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि इस वर्ष केंद्र सरकार से विभिन्न मदों के तहत 8623 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिली है। बीते वर्ष 14943 करोड़ रुपये मिले थे। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धनराशि को क्षतिग्रस्त सड़क, पुल, मकान, पेयजल योजनाओं पर खर्च किया गया। सरकार को 6578 विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं, व्यक्तियों, राज्य सरकारों, ट्रस्टों तथा जनप्रतिनिधियों की ओर से सहायता राशि प्रदान की गई। इसके अलावा प्रदेश सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा पेंशनरों की ओर से भी सहायता राशि प्रदान की गई। इन सभी स्रोतों से इस दौरान 257.25 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई।
9429 कर्मचारियों को किया गया नियमित
मुख्यमंत्री ने बताया कि कार्मिक विभाग की 28 दिसंबर 2021 की अधिसूचना के तहत विभिन्न विभागों में कुल 9,429 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। विधायक विनोद कुमार के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि एक ही अधिसूचना के तहत नियमित हुए कर्मचारियों को समान रूप से ग्रेड पे देने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। वित्त विभाग की ओर से छह सितंबर 2022 को अधिसूचित हिमाचल प्रदेश सिविल सेवाएं (संशोधित वेतन) प्रथम संस्करण नियम 2022 के नियम-7 (क) में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू होगा जिनकी नियुक्ति 03 जनवरी 2022 से पूर्व हुई है।