होशियारपुर,15 सितंबर : पंजाब में नशे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए पंजाब लिट फाउंडेशन ने ज़िला प्रशासन व जिला पुलिस के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी पहल ‘मदर्स अगेंस्ट ड्रग्स’, की शुरुआत की है। इस अभियान का नेतृत्व लेखक और पूर्व राज्य सूचना आयुक्त खुशवंत सिंह और राष्ट्रीय महिला आयोग की मीडिया सलाहकार सना कौशल द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पंजाब की माताओं को संगठित और सशक्त बनाना है ताकि वे अपने बच्चों को नशे की लत से बचा सकें। इस अभियान का उद्घाटन बुल्लोवाल कम्युनिटी सेंटर, होशियारपुर में हुआ, जहां बड़ी संख्या में माताओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में उन्हें नशे की शुरुआत के संकेतों को पहचानने और समय रहते प्रभावी हस्तक्षेप करने के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित किया गया।
इस पहल की निदेशक सना कौशल ने राज्यव्यापी उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारा मिशन पंजाब की माताओं को नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाना है। हम राज्यभर में इसी तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित करेंगे ताकि हर मां के पास अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक जानकारी और उपकरण हों। उन्होंने कहा कि माताएं वास्तव में अपने बच्चों को नशे की लत से बचाने में पहली पंक्ति की रक्षा की भूमिका निभा सकती हैं। दिल्ली के बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञ गौरव गिल ने माताओं को नशे की लत के संकेतों को पहचानने के विभिन्न तरीकों पर एक प्रस्तुति दी।
गुरदासपुर के पंकज महाजन ने अपने नशे के अनुभव और अपनी मां की मदद से उससे बाहर निकलने की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि एक समय वह हेरोइन (जिसे चिट्टा भी कहा जाता है) खरीदने के लिए 2 लाख रुपए तक खर्च कर चुका था। ‘मदर्स अगेंस्ट ड्रग्स’ अभियान के तहत राज्यभर में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां माताओं को उनके बच्चों के व्यवहार में बदलाव को पहचानने, समय रहते चिंताओं को दूर करने और एक सहायक घरेलू माहौल बनाने के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। चूंकि नशे की लत के मामले 14 से 24 वर्ष की आयु के बीच आमतौर पर सामने आते हैं, फाउंडेशन 13 से 18 वर्ष के बच्चों की माताओं को विशेष सतर्कता बरतने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
पुलिस की ओर से एसपी पीआईबी मेजर सिंह ने जानकारी दी कि समुदाय में नशीले पदार्थों से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं, जो युवाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जाल को और मजबूत करते हैं। उन्होंने इमरजेंसी नंबर भी साझा किए, ताकि यदि माताओं को अपने इलाके में किसी के ड्रग्स बेचने का संदेह हो तो वे तुरंत मदद ले सकें। पंजाब लिट फाउंडेशन राज्यभर के विधायकों, डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से संपर्क कर रहा है, ताकि वे इस पहल को अपने जिलों में अपनाएं और प्रचारित करें। खुशवंत सिंह ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। हम चाहते हैं कि यह अभियान एक जन आंदोलन बने, जो पूरे राज्य में फैले और पंजाब की हर मां को नशे के खिलाफ एक सिपाही बनाए। हमने अब तक इस परियोजना का खुद वित्त पोषण किया है, लेकिन हमें उम्मीद है कि अन्य लोग भी इस महत्वपूर्ण मिशन में हमारे साथ जुड़ेंगे।