मंडी। मंडी संसदीय क्षेत्र इस बार 17 सीटों के साथ हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में अहम भूमिका निभाने जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के घर मंडी में ही भाजपा और कांग्रेस सही मायनों में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। सीएम जयराम की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि भाजपा पिछले साल उपचुनाव का सेमी फाइनल हारने के कारण दबाव में है। अब विधानसभा चुनाव के बड़े मुकाबले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपनी लीडरशिप को साबित करके दिखाना होगा। वहीं कांग्रेस पार्टी की बात करें तो मंडी उपचुनाव जीतकर वह मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ विस चुनाव में उतरी है, लेकिन 5 साल बाद सत्ता में वापसी करने को लेकर उस पर भी भारी दबाव है। गौर करने वाली बात है कि साल 2017 के विस चुनाव में जयराम ठाकुर को सीएम बनाने के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र के 14 हलके एकजुट हो गए थे। तो क्या इस बार भी मंडी जयराम ठाकुर के साथ चलेगी या फिर चुनाव से प्रदेश की सियासत की दशा-दिशा बदलने वाली है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। वहीं कांग्रेस की बात करे तो मंडी संसदीय क्षेत्र से 2 बड़े नेता सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं। वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह भी इस रेस में बनी हुई हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के टिकट आवंटन में प्रतिभा सिंह की खूब चली है, जो उनकी निकट भविष्य की राजनीति की ओर स्पष्ट संकेत कर रहा है। मंडी संसदीय क्षेत्र की 17 सीटों पर बेहतर परिणाम देने पर ही यहां से संबंध रखने वाले भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता, सीएम पद के लिए अपनी मजबूत दावेदारी को सामने रख पाएंगे। मंडी लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी अपने हाथ लेते हुए भाजपा को हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के सामने भाजपा के ब्रिगेडियर कुशाल ठाकुर थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था, वहीं उपचुनाव में 57.98 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मुख्यमंत्री जयराम की प्रतिष्ठा दांव पर : मंडी संसदीय क्षेत्र मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में निभाएगा विशेष भूमिका
Nov 21, 2022