एएम नाथ । शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी की हार की जिम्मेदारी भी ली है। केंद्रीय आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश में उठे सियासी बवाल को थामने के लिए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को यहां भेजा था। इसके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सियासी उठापटक को थामने के लिए यहां पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह शराफत में रहे और इसी वजह से राज्यसभा चुनाव में हार हो गई। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे अपनी गलती के साथ इंटेलिजेंस का भी फैलियर बताया। सीएम सुक्खू ने कहा कि उनके खिलाफ षडयंत्र करने की कोशिश की गई। जब वह विधानसभा में अपने चेंबर के अंदर बैठे थे तो उनके इस्तीफे की खबरें फैलाने की कोशिश की गई, जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके इस्तीफे की खबरें इसलिए फैलाई जा रही थी, ताकि बजट पास करते हुए बहुमत काम हो जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के बागी विधायक जनता का विश्वास जीतकर कांग्रेस की टिकट पर आए थे और अब वह जनता को फेस नहीं कर सकेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके यह अयोग्य विधायक उनके बड़े और छोटे भाई हैं। ऐसे में अगर वह वापस आना चाहते हैं, तो कांग्रेस के विचारधारा से जुड़ सकते हैं।