नई दिल्ली, 30 मार्च : पंजाब के जालंधर में लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान और जनसभाओं के दौरान लोगों को जलपान कराने के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते हैं।
हालांकि, मध्य प्रदेश के मंडला में प्रत्याशी एक कप चाय के लिए 7 रुपये और एक समोसे के लिए 7.5 रुपये खर्च कर सकता है। देश के विभिन्न राज्यों में नाश्ते की बात होती है तो चाय और समोसा का नाम सबसे पहले आता है। लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न जिला निर्वाचन समितियाें ने चुनाव खर्च पर निगरानी की प्रक्रिया के तहत व्यय के लिए दर तय कर दी हैं। उम्मीदवारों को तय सीमा के भीतर ही खर्च करना होगा। जालंधर में छोले भटूरे की कीमत 40 रुपये प्लेट तय की गई है, जबकि मटन और चिकन की कीमत क्रमश: 250 और 500 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह उम्मीदवार मिठाइयों में डोड्डा पर 450 रुपये प्रति किलोग्राम और घी पिन्नी पर 300 रुपये प्रति किलोग्राम खर्च कर सकते हैं, तो लस्सी और निम्बू पानी पर क्रमशः 20 और 15 रुपये प्रति गिलास खर्च कर सकते हैं।
मूल्य तालिका के हिसाब से चाय की सबसे कम कीमत मध्य प्रदेश के बालाघाट में है, जो 5 रुपये है, लेकिन यहां समोसे की कीमत 10 रुपये तय की गई है। बालाघाट के रेट कार्ड में इडली, सांबर वड़ा और पोहा-जलेबी की कीमत 20 रुपये तय की गई है। मणिपुर के थौबल जिले में समोसा, कचोरी, खजूर की कीमत 10-10 रुपये निर्धारित है। चुनाव प्रचार के लिए टाटा सफारी या स्कॉर्पियो से लेकर होंडा सिटी या सियाज और बस या नौका समेत अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित की गई है।
95 लाख तक खर्च कर सकते हैं उम्मीदवार : आंध्र प्रदेश समेत अधिकतर राज्यों में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार के लिए प्रचार संबंधी खर्च सीमा 95 लाख रुपये है। अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम में यह सीमा थोड़ी कम, 75 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार है। इसी तरह केंद्रशासित प्रदेशों के लिए खर्च सीमा 75 लाख से 95 लाख रुपये के बीच निर्धारित है, जो क्षेत्रों पर निर्भर करेगी।