सयुंक्त फ्रंट कर्मचारियों की मागों को लेकर पंजाब में 25 मार्च को बठिंडा, 16 अप्रैल को पटियाला व 27 अप्रैल को जालंधर में करेगा जोनल रोष रैलियां, चार मई से पटियाला में लगाएगे पक्का र्मोचा: राणा

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गढ़शंकर: काग्रेस की पंजाब सरकार दुारा 24248 करोड़ के घाटे का अपने कार्याकाल का अंतिम बजट 2021-2022 पेश किया उससे हर वर्ग सहित कर्मचारियों को भारी निराशा हुई है। जिसके चलते समूह कर्मचरी वर्ग सरकार के इस रवैये से खफा हो गया है। यह शब्द कुल हिंद राज्य सरकारी मुलाजम फैडरेशन (एअईएसजीईएफ) के राष्ट्रीय वाईस चैयरमेन व पंजाब सुवार्डीनेट सर्विसज फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष सतीश राणा ने कहे। उन्होंने कहा कि इसी के चलते सरकार के इस कर्मचारी विरोधी बजट के चलेत पंजाब-यूटी मुलाजम तथा पैंशनर सयुंक्त फ्रंट दुारा  18 मार्च को समूह पंजाब सहित चंडीगढ़ में वित मंत्री, मुख्य मंत्री के पुतले फूंके  जा चुके है और बजट की कापियां जलाई जाएगी। इसके ईलावा सयुंक्त फ्रंट ने फैसला किया है कि पंजाब में 25 मार्च को बठिंडा, 16 अप्रेैल को पटियाला तथा 27 अप्रैल को जालंधर में जोनल रैलिया व प्रर्दशन किया जाएगा। जिसके बाद चार मई को मागों की प्राप्ती के लिए पटियाला में पक्का र्मोचा लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए कर्मचारी रीढ़ की हड्डी समझे जाते है जो सरकार दुारा लगाई गई जिम्मेवारियों को लोगो तक पहुंचाते है। लेकिन सरकार को कर्मचारियों की जायज मागों की कोई चिंता नहीं है। सरकार को अपने मंत्रियों व अधिकारियों की सुख सुविधाओं बढ़ाने की चिंता जरूरी है। उन्होंनेे कहा 1 जनवरी 2016 से लागू किएए जाने वाले वेतन कमिशन की रिर्पोट को लागू करने का एक बार फिर से 1 जुलाई 2021 से लागू करने की लालीपाप दे दिया है। यह भी पूरी तरह लागू नहीं होगा सिर्फ उसमें से जितनी सिफारिशे सरकार को स्वीकार होगी वह ही लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की सरमाएदार पक्षी नीतियों के चलते महंगाई में लगातार बढ़ौतरी हो रही है और कर्मचारियों का वेतन व पैंशन उसके मुकावले कम होती जा रही। इस पंजाब की सरकार दुार केंद्री पैटर्न पर कर्मचारियों को दिया जाता महंगाई भत्ता भी गत तीन वर्ष से नहीं दिया जा रहा। इन बकायों को दोबारा चालू करने के लिए बजट में एक शब्द भी नहीं कहा गया और ना ही विभिन्न विभागों में सकीम वर्करज(आशा वर्करज, फैसीलीटेटरज, आगनवाड़ी वर्करज व हैल्पर्ज, मिड डे मील कुक आदि नामात्र दिए जा रहे भत्तों में कोई बढ़ौतरी की गई। वित मंत्री दुारा पेश किए बजट में सेहत, शिक्षा व कृषि विभाग के लिए नई पुरानी सकीमें तो बहुत है। लेकिन उन्हें लागू करने वाले कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया गया। अस्थाई तौर पर काम कर रहे विभिन्न विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाओं को रेगूलर करने की कोई शब्द नहीं बोला गया। उन्होंने कहा कि चार वर्ष सत्ता सुख भोगने के बावजूद वित मंत्री ने पांचवे बजट में प्रशासन व प्रबंधन में सभी कमियों के बारे में गत सरकारो को जिम्मवार ठहरा कर अपने फर्ज की इतित्रि कर ली है।

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