एएम नाथ । शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की सभी परियोजनाओं से 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली देने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में सुखू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत सभी पनबिजली परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को मुफ्त बिजली देती हैं, लेकिन बीबीएमबी परियोजनाओं ने ऐसा लाभ नहीं दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस तथ्य के बावजूद कि बीबीएमबी परियोजनाओं की स्थापना के साथ हिमाचल प्रदेश में पनबिजली की अपार संभावनाएं खत्म हो गई हैं, राज्य को उसका हक नहीं मिल रहा है।” इस स्थिति को “ऐतिहासिक गलती” बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और बीबीएमबी परियोजनाओं से राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली आवंटित करके इसे सुधारने का आग्रह किया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे एक अलग पत्र में सुखू ने अनुरोध किया कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) को नाथपा झाकड़ी बिजली परियोजना से एक प्रतिशत अतिरिक्त मुफ्त बिजली प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रभावित परिवारों के लाभ के लिए रामपुर बिजली परियोजना के लिए अपनाए गए मॉडल का अनुसरण करते हुए इसे स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) में आवंटित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश से पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त करके बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश के लिए उचित प्रतिनिधित्व की भी मांग की। उन्होंने लिखा, “विभिन्न स्तरों पर बार-बार अनुरोध के बावजूद, राज्य को बीबीएमबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपना उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।”
इसके अतिरिक्त, सुखू ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से संपर्क किया है और हिमाचल प्रदेश को देय ऊर्जा बकाया के निपटान के लिए लिखित प्रतिबद्धता मांगी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ-साथ हरियाणा पर भी नवंबर 1966 से 31 अक्टूबर 2011 के बीच बीबीएमबी परियोजनाओं से अर्जित 13,066 मिलियन यूनिट बिजली बकाया है।
सुखू ने सुझाव दिया, “यह राशि हिमाचल प्रदेश को 15 वर्षों की अवधि में 871 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष की दर से दी जा सकती है।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान होने से दोनों राज्य कई चालू और प्रस्तावित विद्युत परियोजनाओं पर आगे बढ़ सकेंगे।