गढ़शंकर : सतगुरु ब्रह्म सागर भूरीवाले गुरुगद्दी परंपरा गरीबदासिया संप्रदाय के लालपुरी भवानीपुर धाम में की मूर्ति स्थापना समारोह आज बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। सतगुरु वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी महाराज भूरीवालियां गद्दीनशीन जी के मार्गदर्शन में सुबह भोर में एक विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभा यात्रा लालपुरी धाम से शुरू होकर महाराज ब्रह्मानंद भूरीवाले गरीबदासी द्वारा स्थापित राणा गरजेंद्र चंद कॉलेज गढ़ी मानसोवाल में गई , जिसके बाद विभिन्न गांवों भवानीपुर, मल्कोवाल, नानोवाल , रतनपुर कानेवाल होते हुए वापिस भवानीपुर धाम पहुंचे। शोभा यात्रा गुरुगादी परंपरा के तीसरे प्रमुख आचार्य राम नंद जी (गुरु सतगुरु कबीर जी), सतपुरुष सतगुरु कबीर जी, विष्णु नारायण और सतगुरु ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद भूरीवालों की मूर्तियों की पूजा करने के बाद मूर्तियों को सुंदर ढंग से सजाए मंदिरो में स्थापित की गई.। इस मूर्ति स्थापना समारोह के दौरान गांव-गांव में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा की गई और विभिन्न व्यंजनों के लंगर लगाए गए तथा गुरुओं के गुणगान किए गए, इस समय का दृश्य अत्यंत अलौकिक था।
मूर्ति स्थापना के बाद सतगुरु जगतगुरु आचार्य गरीबदास महाराज जी की अमृतमई बाणी का प्रकाश किया गया। इस अवसर पर वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी भूरीवालियां, वर्तमान गद्दीनशीन जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है क्योंकि हमने काफी दिनों से मूर्तियों का संकल्प लिया था । आज संगत के सहयोग स यह पूर्ण हो गया। उन्होंने कहा कि अपने गुरुदेव सतगुरु ब्रह्मानंद जी गयों वालो की मूर्ति स्थापित करना विशेष खुशी की बात है, क्योंकि सतगुरु गायों वालो ने सिद्धपीठ भवानीपुर धाम अपनी का ब्रह्मलीन किया था। क्योंकि यह स्थान बहुत ही पूजनीय है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु महापुरुषों की आस्था का केंद्र है।
आचार्य जी ने इष्टबाणी के माध्यम से भक्तों को अपने जीवन का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने छुड़ानी धाम सर्वोऊच्च पीठ के पीठाधीश्वर महंत दया सागर की पवित्र मूर्तियों के स्थापना समारोह में भक्तों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद का संदेश भी दिया।
यहां बता दें कि आज से शुरू हुआ यह तीन दिवसीय आयोजन 15 नवंबर को अखंड पाठ के भोग के साथ संपन्न होगा।आज के शोभायात्रा कार्यक्रम में स्वामी हरबंस लाल ब्रह्मचारी डेहलों वाले, स्वामी नित्या नंद इलाहवाद वाले, स्वामी चरणकमला नंद, स्वामी शनिचरा नंद, स्वामी सत देव ब्रह्मचारी, स्वामी माधोदास लुधियाना, स्वामी नछत्र नाथ, स्वामी गोरखपीर नाथ सहित महानुभावों के अलावा बड़ी संख्या में संगत उपस्थित थी।
आचार्य रामानन्द, सतपुरुष कबीर तथा सतगुरु गायोंवालों की मूर्तियाँ की गईं स्थापित : सतगुरु वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी महाराज भूरीवालियां गद्दीनशीन जी के मार्गदर्शन में सुबह भोर में एक विशाल शोभा यात्रा का भी किया गया आयोजन
Nov 14, 2023