कांग्रेस और भाजपा के लिए उपचुनाव में जीत साख का सवाल : तीन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को ताकतवर निर्दलीयों से चुनौती मिल रही लिहाजा मुकाबला तिकोणीय

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एएम नाथ। शिमला : हिमाचल में छह सीटों पर पहली जून को होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर सबकी नजरें लगी हैं। विधानसभा में विधायकों की संख्या को देखते हुए दोनों दल भाजपा और कांग्रेस उपचुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के लिए उपचुनाव जीतना साख का सवाल बन गया है।

अहम बात यह है कांग्रेस और भाजपा को इस बार कई जगह बगातवत का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से तीन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को ताकतवर निर्दलीयों से चुनौती मिल रही है। लिहाजा तीन सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। उपचुनाव की आधी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बागी कड़े मुकाबले में है। भाजपा और कांग्रेस से टिकट न मिलने पर इन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय ताल ठोकी है। धर्मशाला से भाजपा के बागी राकेश चौधरी और लाहौल स्पीति से पूर्व मंत्री रामलाल मारकण्डा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के युवा नेता विशाल शर्मा निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन तीनों निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन वापिस लेने से मना किया है।

धर्मशाला और लाहौल-स्पीति में अगर भाजपा के पूर्व दोनों नेता राकेश चौधरी और रामलाल मारकण्डा निर्दलीय मैदान में बने रहते हैं तो इससे इन दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही नुकसान हो सकता है, क्योंकि दोनों के ही वोट कट-बंट सकते हैं। दरअसल रवि ठाकुर और सुधीर शर्मा समेत छह कांग्रेस विधायकों के बागी होने और उनकी सदस्यता जाने के बाद इनकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था और मंत्री मारकंडा को हराकर वह विधायक बने। फिर रवि ठाकुर बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए।

उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। इससे मारकंडा अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हालांकि वह कांग्रेस पार्टी से भी टिकट चाह रहे थे, लेकिन उसने भी उन्हें प्रत्याशी न बनाने का निर्णय लिया। वहां से नया महिला चेहरा अनुराधा राणा अब उम्मीदवार हैं। इससे मारकंडा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। धर्मशाला में भी यही घटनाक्रम हुआ। धर्मशाला में आखिर देवेंद्र जग्गी को कांग्रेस से प्रत्याशी बनाने पर फैसला होने के बाद अगर राकेश चौधरी नामांकन वापिस नहीं लेते हैं तो वह भी दोनों ही पार्टियों की परेशानी बनेंगे। कांग्रेस पार्टी धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में किसी को नाराज नहीं करना चाहती है, वहीं भाजपा ने इस सीट पर कांग्रेस से बागी हुए कांग्रेस विधायक रहे वीरभद्र सरकार के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।

बड़सर विधानसभा की बात करें तो यहां भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व बागी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने संगठन से जुड़े सुभाष को मैदान में उतारा है। इससे खफ़ा होकर कांग्रेस के युवा चेहरे विशाल शर्मा ने बगावत करते हुए निर्दलीय ताल ठोक दी। उनके चुनाव में बने रहने से इस सीट पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। विशाल शर्मा युवा कांग्रेस के पदाधिकारी हैं।

 

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