होशियारपुर/ दलजीत अजनोहा : पंजाब विश्वविद्यालय स्वामी सर्वानंद गिरि क्षेत्रीय केंद्र, होशियारपुर के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में, ‘कानून और समाज’ पर दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला का समापन हुआ। प्रोफेसर विजय नागपाल, पूर्व अध्यक्ष, कानून विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ मुख्य वक्ता थे। संयोजक डॉ सुनैना, समन्वयक (कानून) और डॉ दीप चंद (सह-संयोजक) ने अतिथि का स्वागत एक पौधा देकर किया। प्रोफेसर नागपाल ने अपराध कानून पर फिर से चर्चा की और शामिल किए गए परिवर्तनों के पक्ष और विपक्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और बीएनएसएस पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अपराध के पीछे हमेशा एक मकसद होता है, जिसमें मकसद बदला, लालच आदि हो सकता है। अपराध के तीन चरण होते हैं, पहला इरादा चरण, जब व्यक्ति अपराध करने के बारे में सोचता है। दूसरा था दोषी मन, जो या तो जानबूझकर हो सकता है और एक लापरवाह व्यवहार हो सकता है और अंत में प्रयास का चरण, यदि प्रयास चरण सफल रहा तो यह एक अपराध है, यदि नहीं तो कोई अपराध नहीं। इससे पिछले दिन, यूआईएलएस पीयू चंडीगढ़ के प्रोफेसर नवनीत अरोड़ा ने ‘हमारे जीवन में कानून’ पर एक वार्ता दी। उन्होंने कानून और समाज के बीच के संबंधों पर प्रकाश डाला जो कि गतिशील और पारस्परिक है, जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और सामाजिक आयामों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। वक्ता ने समाज के भीतर से विभिन्न उदाहरणों जैसे किसानों के विरोध, निर्भया कांड, आर जी कर अस्पताल का मामला आदि का हवाला दिया और किसी के जीवन में कानून की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। सत्र का समापन वक्ताओं के साथ ओपन हाउस चर्चा के साथ हुआ। अंत में संयोजकों ने अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया और धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कानून और समाज’ पर दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला का समापन
Sep 25, 2024