दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में पंजाब को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे थे. ऐसा कहा जा रहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद अरविंद केजरीवाल अपना राजनीतिक भविष्य पंजाब में सेट कर सकते हैं।
दावा किया जा रहा था कि पंजाब सीएम भगवंत मान को हटाकर केजरीवाल खुद पंजाब के सीएम बनेंगे. इन सब दावों पर पहली बार भगवंत मान की टिप्पणी सामने आई है।
भगवंत मान ने कहा कि कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं, ये अफवाह फैलाई जा रही है जो निराधार हैं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. भगवंत मान ने कहा कि विपक्षी पार्टियां कुछ भी बोल देती हैं. पहले भी उन्होंने ऐसा ही किया है. मान ने विपक्ष पर झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया।
क्यों उठे थे इस तरह के सवाल?
दिल्ली चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसका असर पंजाब तक देखने को मिला. कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया कि आप के कई विधायक उनके संपर्क में हैं।
राजनीतिक गलियारों मे चर्चा होने लगी कि दिल्ली के बाद अब पंजाब की बारी है. मामले को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों की दिल्ली में बैठक बुलाई थी. बैठक पंजाब के बजाय दिल्ली में की गई थी, यही कारण है कि इस तरह के सवाल उठने लगे।
कांग्रेस ने किया था मध्यावधि चुनाव का दावा
कांग्रेस सांसद रंधावा ने दावा किया था कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव हो सकता हैं. अगर कुछ नेता बीजेपी में जाते हैं तो उपचुनाव होंगे. भगवंत मान का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए संभावना है कि मध्यावधि चुनाव होगा. बता दें, 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने नकार दिया है. केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी चुनाव हार गई है. दिल्ली में अब 27 सालों के बाद बीजेपी की सरकार बनने वाली है।