गढ़शंकर, 9 दिसंबर : सरकार और माइनिंग विभाग के आदेशों और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए माइनिंग माफिया द्वारा गढ़शंकर के दर्जनों गांवों में खुलेआम अवैध माइनिंग की जा रहा है। अवैध माइनिंग का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि रात के समय में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और टिप्परों की तेज आवाज के कारण लोग चैन से सो तक नहीं पाते। लेकिन प्रशासन, पुलिस और विभाग आखिर शरेआम चल रही माइनिंग पर शिकंजा कसने से क्यों गुरेज कर रहे।
गांव बीरमपुर से नहर की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर माइनिंग माफिया द्वारा जेसीबी मशीनों की मदद से ट्रैक्टर ट्रॉलियों व टिप्परों में माइनिंग करने के बाद ट्रैक्टर ट्रालियों में माइनिंग मेटीरियल लाद कर ले जाया जाता है। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ निवासी के करीब 10 से 12 एकड़ जमीन में दिन-रात बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग की जा रही है।
माइनिंग माफिया के लोग रात भर खनन करते हैं और सुबह होते ही ट्रैक्टर के पीछे लेवलर लगाकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और टिप्परों के टायरों के निशान मिटा देते हैं ताकि लोगों को इस अवैध माइनिंग का पता ना चल सके। माइनिंग की जगह मिट्टी पर पानी छिड़ककर अपनी जेसीबी मशीनों को आस-पास के गाँवों या किसी के डेरे पर खड़ी कर देते हैं।
एसडीओ माइनिंग गढ़शंकर हरकमल हीरा : अवैध माइनिंग के बारे में जानकारी होने की बात कहने के बाद कहा कि संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके इलावा माइनिंग की जगह की पटवारी से रिपोर्ट लेकर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम गढ़शंकर संजीव कुमार : विभाग के अधिकारियों से चल रही माइनिंग की रिपोर्ट मंगवाई जाएगी और अगर अवैध माइनिंग पाई गई तो कड़ी कारवाई की जाएगी।
