केंद्र और पंजाब सरकार छोटे बच्चों को खाना खिलाने की तैयारी कर रही है और सरकार लगातार पोषण ट्रैकर ऐप पर बिना टैब वाली वर्कर्स से मुफ्त काम ले रही – लखविंदर कौर उस्मानपुर
नवांशहर : आंगनवाड़ी मुलाजम यूनियन पंजाब (सीटू) के आह्वान पर ब्लॉक नवांशहर यूनिट की आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर केंद्र सरकार के नए फरमानों के खिलाफ ब्लॉक अध्यक्ष लखविंदर कौर उस्मानपुर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया और सीडीपीओ के माध्यम से विभाग को मांग पत्र दिया गया। धरना को संबोधित करते हुए बिभिन्न नेताओं ने कहा कि एनएफएचएस-6 के आंकड़ों के अनुसार, हमारे पांच वर्ष से कम उम्र के एक तिहाई से अधिक बच्चे बौने, कमजोर और कम वजन वाले हैं। एनीमिया की व्यापकता महिलाओं में 57.0 प्रतिशत, किशोरियों में 59.1 प्रतिशत, गर्भवती महिलाओं में 52.2 प्रतिशत और छह साल से कम उम्र के बच्चों में 67.1 प्रतिशत थी। हमारे देश में हर साल औसतन छह साल से कम उम्र के करीब 9 लाख बच्चों की मौत हो जाती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी सेवाओं की निगरानी के नाम पर पोषण ट्रैक ऐप लॉन्च किया गया है. जिसमें आईसीडीएस की सेवाओं के संबंध में प्रतिदिन ऑनलाइन अपडेट किया जाता है। जो पहले प्रत्येक लाभार्थी के आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है वह लाभार्थी नहीं हो सकता। माता, पिता, संतान में से किसी एक का आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
लेकिन केंद्र सरकार यहीं नहीं रुकी, अब उसने एक नया फरमान जारी किया है जिसके मुताबिक जिस बच्चे को आंगनवाड़ी केंद्र द्वारा पोषण और प्री-स्कूल शिक्षा दी जाती है, उसका भी फेस आईडी बनाया जाएगा। फेस आईडी मिलान समान पोषण और अन्य लाभों के लिए पात्र होगा। वहीं आज देशभर में कुपोषण अपने चरम पर है। भुखमरी के मामले में भारत 105वें नंबर पर पहुंच गया है और अगर पंजाब के आंकड़ों की बात करें तो लॉकडाउन के बाद पंजाब में बच्चों की औसत लंबाई कम हो गई है। ऐसी नई शर्तें ली गई हैं। ऐसी नई शर्तें लागू करने से बच्चों के विकास के प्रति सरकार की मंशा और नीति स्पष्ट होती है।
उन्हीनों कहा केंद्र सरकार जहां लगातार नए-नए फरमान जारी कर रही है, वहीं पंजाब सरकार भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है. “पोषण ट्रैक ऐप” छह साल से चल रहा है। इस ऐप को चालू करने के लिए विभाग की ओर से फोन खरीदे जाने थे। लेकिन छह साल में सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास पंजाब इसमें सफल नहीं हो सका। जहां आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने अपने घरों के औजारों का उपयोग करके पंजाब को केंद्र में बराबर कर दिया है।
लेकिन आज पंजाब सरकार की इस नीति के कारण बच्चों को अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ेगा। अगर कल को बच्चों को मिलने वाला पोषण आहार बंद हो गया तो इसकी बड़ी जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की होगी।
इस दौरान उन्हीनों कहा कि आज आगनबाड़ी वर्कर्स ने केंद्र व पंजाब सरकार की बाल विरोधी नीतियों का विरोध करते हुए केंद्रीय फरमानों के पत्र जलाकर विरोध दर्ज कराया है और कहा यूनियन अपने अधिकारों के साथ-साथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करेगा।
आज के विरोध प्रदर्शन में संगीता देवी, परमजीत कौर, गुरबख्श कौर, कमलजीत कौर, सुखविंदर कौर, सरबजीत कौर, रेवल कौर, कश्मीर कौर, सीमा, मंजीत कौर, दलजीत कौर और शिवानी ब्लॉक के सर्कल नेता आदि शामिल हुए।