नई दिल्ली. भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक और संकेत मिला है. कनाडा ने अभी तक एनआईए को मांगे जाने के बावजूद खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया है. पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक गुरुद्वारे के बाहर दो हमलावरों ने निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसकी मौत भारत और कनाडा के बीच तनाव का केंद्र बन गई. सितंबर 2023 में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की धरती पर उसकी हत्या में भारत के अधिकारियों के संभावित तौर से शामिल होने का आरोप लगाया. जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया.
कनाडा ने एनआईए से डेथ सर्टिफिकेट मांगने का कारण बताने को कहा है. उन्होंने एनआईए पूछा कि ‘आपको इसकी जरूरत क्यों है’. एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने निज्जर के खिलाफ लंबित कई मामलों में अदालती रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) से डेथ सर्टिफिकेट मांगा था. कथित तौर पर उनका डेथ सर्टिफिकेट लगभग छह महीने पहले मांगा गया था और कनाडा ने कुछ महीने पहले इसका कारण पूछा था.
हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया. उसने कनाडा पर चरमपंथियों और भारत विरोधी तत्वों को पनाह देने का आरोप लगाया. पंजाब के जालंधर में जन्मा निज्जर 1997 में एक युवा के रूप में कनाडा चला गया. उन्होंने वहां प्लंबर के रूप में काम किया, शादी की और उनके दो बेटे हुए. ब्रिटिश कोलंबिया में रहने वाला निज्जर सिखों के लिए एक अलग मातृभूमि ‘खालिस्तान’ का मुखर समर्थक बन गया.
गृह मंत्रालय ने उसको आतंकवादी घोषित किया : वह अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ बन गया. भारत सरकार के मुताबिक इसके सदस्यों को संचालन, नेटवर्किंग, ट्रेनिंग और फंडिंग में एक्टिव रूप से शामिल था. 2020 में गृह मंत्रालय ने उसको आतंकवादी घोषित किया. निज्जर गुरपतवंत सिंह पन्नू के खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़ा था, जो भारत में प्रतिबंधित है.
निज्जर की मौत पर विवाद : निज्जर की उम्र 45 साल थी, जब 18 जून, 2023 को सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारा के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. निज्जर का संबंध 2021 में जालंधर में एक हिंदू पुजारी पर हुए हमले से भी था. एनआईए ने इस मामले के सिलसिले में 2022 में उस पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया था.