एएम नाथ। शिमला : अनाथ बच्चों पर स्वरोजगार, गृह निर्माण और पढ़ाई के लिए सरकार ने आय की शर्त लगा दी है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय के तहत आवेदनों को स्वीकृति देने से पहले अनाथ बच्चों की आय जांची जाएगी। आय पांच लाख से कम होने पर योजना का लाभ मिलेगा।
विभाग के पास पहुंचे आवेदनों के साथ आय प्रमाणपत्र लगाना अनिवार्य है। इससे पहले आय की शर्त नहीं थी। जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से पांच लाख रुपये सालाना आय निर्धारित की गई है। अनाथ बच्चों की संपत्ति के आधार पर आय का आकलन किया जाएगा। पांच लाख रुपये से कम आय होने पर ही इस योजना के तहत लाभार्थी लाभान्वित होंगे।
वहीं, योजना के तहत आवेदनों को पहले शिमला में स्वीकृति दी जाती थी। मगर इसे अब जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी स्वीकृति देगी। इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें तमाम मापदंडों से लेकर आय की जांच ही आवेदकों को लाभान्वित किया जाएगा। गौरतलब है कि सत्ता में आते ही प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की थी। योजना के तहत अनाथ बच्चों को स्वरोजगार शुरू करने, विवाह के लिए दो-दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी। जबकि गृह निर्माण के लिए तीन लाख रुपये की राशि की व्यवस्था होगा। लिहाजा, अब यह राशि उन्हीं आवेदकों को मिल सकेगी, जिनकी आय पांच लाख रुपये से कम होगी।
आय प्रमाणपत्र बनवाना होगा
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आरआर भारद्वाज का कहना है कि योजना के तहत अब पांच लाख रुपये की आय निर्धारित की है। इससे कम आय होने पर ही योजना का लाभ पात्रों को मिलेगा। इस बारे में आवेदकों को आय प्रमाणपत्र बनवाने के बारे में निर्देशित कर दिया गया है।