उपमुख्यमंत्री का स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण उत्पादों और पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों को प्रोत्साहित करने पर जोर
रोहित राणा। ऊना : उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को ऊना में आयोजित ‘ईट राइट मेला’ में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया । साथ ही उन्होंने पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों के महत्व को उजागर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये पहल न केवल बेहतर स्वास्थ्य के लिए हितकारी होगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करने में सहायक बनेगी। उन्होंने इस मेले को स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और जिला प्रशासन को ऊना जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के आयोजन करने को कहा।
यह मेला जिला प्रशासन ऊना और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला, ऊना में आयोजित किया गया थां मेले का मुख्य उद्देश्य लोगों को सही आहार और बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली और पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा। उन्होंने इस अनूठी पहल के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।
यह मेला जिला प्रशासन ऊना और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला, ऊना में आयोजित किया गया थां मेले का मुख्य उद्देश्य लोगों को सही आहार और बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली और पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा। उन्होंने इस अनूठी पहल के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।
जिले में हर खेत तक पानी पहुंचाने को खर्चे जा रहे 2000 करोड़
विकास और व्यवस्था में सुधार के अनवरत प्रयास
उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जिले में हो रहे विकास कार्यों की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऊना जिला विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। जिले में 2000 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि 1500 करोड़ रुपये की लागत से स्वा नदी के चौनलाइजेशन कार्य ने बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि को पुनः उपयोगी बनाया है, जिससे जिले की कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
बंगाणा में मंदली-लठियाणी पुल के पहले चरण के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना तैयार हो चुकी है। शिमला में 2000 करोड़ रुपये की लागत से एशिया की सबसे चुनौतीपूर्ण रोपवे परियोजना का कार्य भी प्रगति पर है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हरोली में 2000 करोड़ रुपये की बल्क ड्रग पार्क परियोजना में सरकार 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने प्रशासनिक सुधारों का जिक्र करते हुए बताया कि वीआईपी वाहन नंबर प्राप्त करने के लिए अब भुगतान सेवा शुरू की गई है, जिससे पिछले आठ महीनों में 20 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास और व्यवस्था में सुधार के प्रयास लगातार जारी रहेंगे।
आलू आधारित आर्थिकी की मजबूती को प्रतिबद्ध
उपमुख्यमंत्री ने ऊना में आलू आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए जिला प्रशासन को इस दिशा में एक ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में सेब आधारित अर्थव्यवस्था ने सफलता हासिल की है, उसी तरह ऊना में आलू आधारित अर्थव्यवस्था को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने जोर दिया कि आलू के उत्पादन और विपणन के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके और वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सुरक्षित रह सकें।
मंदिरों के समग्र विकास के लिए बनाएं योजना
उपमुख्यमंत्री ने मंदिरों के विकास पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में माता श्री चिंतपूर्णी जी, माता श्री नैनादेवी जी और बाबा बालकनाथ जी जैसे अनेक प्रसिद्ध और समृद्ध मंदिर हैं, जो करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र हैं। इन मंदिरों को हर वर्ष करोड़ों रुपये का चढ़ावा मिलता है।
उन्होंने कहा कि यह संबंधित जिलों के प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इन मंदिरों के समग्र विकास के लिए उचित और सुदृढ़ योजना तैयार करें। इसके लिए सरकार ने जरूरी निर्देश दिए हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल मंदिर परिसरों को बेहतर बनाना होना चाहिए, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को भी उन्नत करना चाहिए, ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सके।
300 करोड़ से बनेगा माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर का भव्य भवन
उपमुख्यमंत्री श्री अग्निहोत्री ने बताया कि माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के भव्य भवन का निर्माण 300 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसकी पूरी योजना तैयार हो चुकी है। उन्होंने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन को नई पहलें करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर दर्शन के मुख्य मार्गों पर सेल्फी प्वाइंट विकसित किए जाएं और महत्वपूर्ण स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएं, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर से जुड़ी जानकारी और सुविधाएं आसानी से मिल सकें।
श्री अग्निहोत्री ने यह भी बताया कि सुगम दर्शन प्रणाली के माध्यम से मंदिर ने अल्प समय में 2 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो मंदिर की समग्र विकास योजनाओं को साकार करने में सहायक होगी।
टिप्परों के अनियंत्रित आवागमन पर हो नियंत्रण
उपमुख्यमंत्री ने जिले में टिप्परों के समय-असमय अनियंत्रित आवागमन पर गंभीरता दिखाते हुए इसे नियंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन से कहा कि टिप्परों की आवाजाही के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। सुबह 7 से 9.30 बजे और शाम 6 से 9 बजे के बीच टिप्परों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए, ताकि स्कूली बच्चों और सैर के लिए निकले लोगों को असुविधा न हो।
ऊना को नशामुक्त और अवैध खनन मुक्त जिला बनाने का आह्वान
श्री अग्निहोत्री ने ऊना को नशामुक्त और अवैध खनन मुक्त जिला बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि चिट्टा और अन्य मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, अवैध खनन के माध्यम से जिले की प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाने वाले माफियाओं पर भी कठोर कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस दिशा में सख्ती और निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने की बात कही।
शोर मचाने वाले शोर मचाते रहेंगे, हम काम करते रहेंगे
जल शक्ति विभाग में 10 हजार की भर्ती
उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को हर बात में सिर्फ हल्ला करने की आदत होती है। शोर मचाने वाले शोर मचाते रहेंगे और हम जनकल्याण और विकास के कार्यों में लगे रहेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। अकेले जल शक्ति विभाग में ही 10,000 पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। हाल ही में 2,000 वन रक्षकों और 350 बस कंडक्टरों की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है, जिससे प्रदेश की युवा शक्ति को सशक्त किया जा सके।
सुदर्शन सिंह बबलू ने सराहे सही खान पान के प्रति जागरूक करने के प्रयास
माता श्री चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुदर्शन सिंह बबलू ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिक दौर में लोग नई-नई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण जंक फूड का बढ़ता प्रचलन है। उन्होंने ‘ईट राइट मेला’ के माध्यम से सही खानपान के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह के मेले विधानसभा स्तर पर आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को स्वस्थ जीवन और सही भोजन के महत्व की जानकारी मिल सके। साथ ही, उन्होंने सितंबर में आयोजित माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव को राज्य स्तरीय दर्जा दिलाने के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उपायुक्त जतिन लाल ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत किया और मेले के आयोजन से जुड़ी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस मेले में जनता को पौष्टिक आहार, स्वस्थ जीवनशैली, और सही खानपान के महत्व को समझाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
मेले में लगे 30 स्टॉल
मेले में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों के प्रदर्शन और प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल मैदान में 30 आकर्षक स्टॉल और प्रदर्शनियां लगाई गई। इन स्टॉल्स के माध्यम से लोगों को पौष्टिक भोजन की आदतें अपनाने और सही आहार के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया। इन स्टॉल्स में कृषि, बागवानी, पशुपालन, आयुर्वेद, डीआरडीए, और खाद्य आपूर्ति विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों ने भाग लिया। साथ ही, स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए स्थानीय खाद्य पदार्थ, जैविक उत्पाद और पारंपरिक व्यंजन भी प्रदर्शित किए गए। इस अवसर पर पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मेले में विशेष स्टॉल लगाए गए थे।
मेले में विविध सांस्कृति गतिविधियों के अलावा विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
इस अवसर पर कांग्रेस पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. वर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा जगदीश धीमान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कांग्रेस नेता रणजीत राणा, अशोक ठाकुर, प्रमोद कुमार, देश राज गौतम व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।