नई दिल्ली। पीएम मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें देश भर के मुख्यमंत्री और राज्य प्रमुख ‘Viksit Rajya for Viksit Bharat @2047’ विषय पर एकजुट हुए। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित नीति आयोग की मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक-एक कर भी मुलाकात कर उनसे बातचीत की।
मीटिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (MK Stalin), आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu), गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, जम्मू-कश्मीर के ओमर अब्दुल्ला, उड़ीसा के सीएम मोहन चरण माझी, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी, और त्रिपुरा के माणिक साहा शामिल हुए।
पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी अपनी बात रखी।
मीटिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी मुलाकात की है। उधर, मीटिंग से पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा: NHPC और NTPC के प्रोजेक्ट्स यदि कर्ज़ मुक्त हैं तो जो 12% मुफ्त रॉयल्टी उपभोक्ताओं से ली जा रही है, उसे बढ़ाया जाए और समयसीमा में वे प्रोजेक्ट्स हिमाचल को वापस किए जाएं।
नीति आयोग की यह बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र (Developed India) बनाने के लिए राज्यों की साझी रणनीति पर केंद्रित रही। आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘Viksit Rajya for Viksit Bharat’ विचारधारा के तहत: राज्यों को दीर्घकालिक, समावेशी और लोकल रियलिटीज से जुड़ी रणनीति बनानी होगी। टाइम-बाउंड लक्ष्य, डाटा ड्रिवन प्रक्रियाएं और तकनीक आधारित प्रशासन को अपनाना होगा। Project Monitoring Units और ICT-enabled monitoring से परिणामों की समीक्षा हुई।
मीटिंग के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने गंभीर चर्चा के अलावा मुख्यमंत्रियों से काफी हल्के-फुल्के माहौल में भी बातचीत की। कई बार बातचीत के दौरान हंसी-ठहाकों को दौर गूंजता रहा।
मीटिंग राज्यों के भौगोलिक और जनसांख्यिकीय फायदे कैसे विकसित भारत की नींव बन सकते हैं, चतुर्थ राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन (4th National Conference of Chief Secretaries) के प्रस्तावों पर आम सहमति, सेंटर-स्टेट सहयोग को बढ़ावा और स्थायी विकास चुनौतियों पर विचार-विमर्श पर फोकस्ड रहा।
इसके अलावा सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्किलिंग, रोजगार और उद्यमिता पर विशेष केंद्रित रहा।