एक साल-पांच काम अभियान बदलेगा ऊना की पंचायतों की तस्वीरः वीरेंद्र कंवर

by
हर पंचायत को 28 फरवरी तक देनी होगी ‘एक साल-पांच काम’ की कार्य योजना, एक अप्रैल से शुरू होगा काम
एक साल पांच काम अभियान के तहत पंचायतों में करवाए जाएंगे पांच बड़े कार्य
ऊना (6 फरवरी)- स्वर्ण जयंति ग्राम स्वराज सम्मेलन के दौरान जिला ऊना में विधिवत रूप से शुरू किए गए एक साल-पांच काम अभियान के लिए प्रत्येक पंचायत को 28 फरवरी तक कार्य योजना तैयार कर देनी होगी। इस अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में जन प्रतिनिधियों को पांच बड़े कार्य करवाने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य योजना संबंधित खंड विकास अधिकारी को सौंपने के बाद इन पर कार्य 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगा तथा इन्हें 31 मार्च 2022 तक पूर्ण करवाया जाएगा। अभियान के तहत किया जाने वाले कार्य की लागत 5 लाख रुपए या इससे अधिक होगी, जिसके लिए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, वित्तायोग, सांसद व विधायक निधि तथा योजना मद से धन का प्रावधान किया जाएगा।
जिला ऊना में आरंभ किए गए इस अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण को इस कार्य के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। पंचायतों में होने वाले पांच बड़े कार्यों को खंड विकास अधिकारी स्वयं भी एडोप्ट करेंगे और उनके क्रियान्वयन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। पंचायत सचिवों को एक साल-पांच काम का फोल्डर अपने पास रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिसमें इन कार्यों से संबंधित सभी दस्तावेज, पहले व बाद के अच्छे छाया चित्र तथा कार्य से हुए लाभ की विस्तृत रिपोर्ट रखनी होगी। कंवर ने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्त को 15 दिन के भीतर कार्यों की समीक्षा करने को कहा गया है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि एक साल में पांच बड़े कार्य होने के उपरांत पंचायत प्रतिनिधि के पांच वर्ष के कार्यकाल में 25 बड़े कार्य सामने आएंगे, जो एक उपलब्धि सिद्ध होगी और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार तेज होगी, जिससे लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से जिला ऊना की पंचायतों की तस्वीर बदल जाएगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक साल-पांच काम अभियान की प्रस्तावना में पंचायतों को कुछ काम भी सुझाए गए हैं, जैसे कि सामुदायिक सिंचाई प्रणाली, ठोस कचरा निष्पादन संयंत्र, पंचवटी पार्क, ग्रामीण हाट, जिम, ग्रामीण भंडार, स्वयं सहायता समूह अथवा आजीविका भवन, हिम इरा विक्रय केंद्र, मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, स्टेडियम, सड़क किनारे जन सुविधाएं, मोक्ष धाम, तरल कचरा प्रबंधन तथा तालाबों का जीर्णोद्धार आदि शामिल हैं।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

चार दिनों का शीतकालीन सत्र बुलाकर जनता को गुमराह किया जा रहा- रणधीर शर्मा

एएम नाथ। शिमला :  हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तारीख तय होने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्र की अवधि केवल चार दिनों की रखे जाने पर भाजपा ने...
दिल्ली , पंजाब , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

ग्रीष्मा को फांसी, मामा को 3 साल की जेल – ग्रीष्मा की मां बरी : शेरोन राज हत्याकांड

तिरुवनंतपुरम: नेय्याट्टिंकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने शेरोन राज हत्याकांड में ग्रीष्मा को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने मुख्य आरोपी ग्रीष्मा और तीसरे आरोपी, उसके मामा निर्मला कुमारन नायर को दोषी पाया था। अदालत...
article-image
हिमाचल प्रदेश

केवी सलोह में नशा मुक्त ऊना अभियान के तहत सेमीनार आयोजित

ऊना, 4 जुलाई – नशा मुक्त ऊना अभियान के अंतर्गत केन्द्रीय विद्यालय सलोह मे एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें उपमंडलाधिकारी (नागरिक) हरोली विशाल शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। एसडीएम विशाल...
article-image
दिल्ली , पंजाब , राष्ट्रीय , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

तड़पा-तड़पा की पति की हत्या – चावल में ब्लड कैंसर की देती थी दवा मिला कर

कर्नाटक के उडुपी से हत्या की एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। 44 वर्षीय बालकृष्ण की तबीयत तीन सप्ताह पहले खराब हो गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें पीलिया हो गया था और...
Translate »
error: Content is protected !!