चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने एनकाउंटर में अमृतसर के एक मंदिर के बाहर हुए ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी गुरसिदक सिंह को मार गिराया है. पुलिस के मुताबिक़, 17 मार्च की सुबह हुए एनकाउंटर में गोली लगने से गुरसिदक सिंह की मौत हो गई. उस वक्त हमले का एक और आरोपी विशाल भी मौजूद था जो मुठभे़ड के दौरान भागने में कामयाब रहा।
पुलिस ने बताया कि विशाल को पकड़ने की कोशिश जारी है. इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक़, पुलिस अधिकारियों को आरोपियों के राजासांसी इलाक़े में मौजूद होने की जानकारी मिली थी।
इनपुट के मुताबिक, आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई. जब पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार आरोपियों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने गाड़ी से उतरकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस दौरान हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ में गोली लग गई। जबकि दूसरी गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह को लगी।
पुलिस ने बताया कि आत्मरक्षा के लिए इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने भी जवाबी गोली चलाई, जिससे गुरसिदक घायल हो गया। घायल पुलिस अधिकारियों और आरोपी, दोनों को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां बाद में गुरसिदक की मौत हो गई. पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने भी इसकी पुष्टि की है।
ठाकुर द्वारा मंदिर पर ग्रेनेड से हमला
बता दें, 15 मार्च को ठाकुर द्वारा मंदिर के बाहर एक विस्फोट हुआ था. ये मंदिर अमृतसर के खंडवाला इलाके में स्थित है। बताया गया कि एक व्यक्ति ने मंदिर की तरफ़ विस्फोटक डिवाइस फेंका था।, जिससे मंदिर की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त (Damage) हो गया था और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ था।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने इस ‘हमले का संबंध पाकिस्तान से’ होने का शक जताया था. उन्होंने कहा था। पाकिस्तान समय-समय पर ऐसी शरारती हरकतें करता रहता है। अधिकारी इस्तेमाल किए गए विस्फोटक की जांच कर रहे हैं. साथ ही, हमले के पीछे स्पष्ट मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे राज्य को अस्थिर करने की कोशिश बताया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब को अशांत करने के लिए समय-समय पर प्रयास किए जाते हैं। ड्रग तस्करी करने वाले भी इसका हिस्सा हैं। पंजाब पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय और पूरी तरह से तैयार है।