एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश के नौ विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर कांग्रेस ने अपनी सरकार तो बचा ली, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कांग्रेस के प्रत्याशियों को सभी चार लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर हार का मंथन करने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के दो सदस्यों की टीम शिमला पहुंची हुई है। इनमें कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल शामिल हैं। ये दोनों वरिष्ठ नेता मैराथन बैठकें कर हार के कारणों का पता लगा रहे हैं।
सोमवार सुबह के वक्त से ही हिमाचल कांग्रेस कार्यालय में बैठकों का दौर शुरू हो गया। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के साथ बैठक करने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी बैठक में मौजूद रहीं, कई अन्य मंत्रियों और पदाधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताई हार की वजह : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले साल 2024 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल कांग्रेस ने अपने वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी की है। ये बढ़ोतरी करीब 14 फीसदी की है। कांग्रेस ने चारों लोकसभा सीट पर अच्छी उम्मीदवार उतारे, बावजूद इसके कांग्रेस की हार हुई। कांग्रेस का ज्यादा ध्यान अपनी सरकार स्थिर करने पर भी रहा। आलाकमान के निर्देशों के मुताबिक, फेक्ट फाइंडिंग कमेटी शिमला में मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही हैं। इनमें हार के कारणों की जानकारी लेकर आलाकमान को दी जाएगी।
जनता से दिया कांग्रेस सरकार का साथ : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का जनता को भरपूर साथ मिला। जनता ने कांग्रेस की नीतियों पर वोट देकर अपनी मोहर लगाई है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर को ये सोचना चाहिए कि उन्होंने आखिर सरकार गिराने की साजिश क्यों रची। कांग्रेस साल 2022 की तरह अब साल 2024 में एक बार फिर 40 सीटों पर आकर खड़ी है। ऐसे में पांच महीने तक नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के नेताओं ने अस्थिरता का माहौल खड़ा करने की कोशिश की. इससे राज्य को नुकसान हुआ।
हिमाचल के बाद उत्तराखंड में करेंगे मंथन : फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सदस्य रजनी पाटिल ने कहा कि आलाकमान के निर्देशों पर वो हिमाचल प्रदेश में हार के कारणों का पता लगाने के लिए पहुंचे हैं। इससे पहले भी दिल्ली में हार की वजहों की रिपोर्ट आलाकमान को साझा कर चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के बाद वो उत्तराखंड जाएंगे. उत्तराखंड में भी कांग्रेस की सभी पांच लोकसभा सीट पर हार हुई है।
रजनी पाटिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में चारों लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ऐसी हालत क्यों हुई, इस पर मंथन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी, विधायकों और पदाधिकारियों से बातचीत की जाएगी। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर आलाकमान को सौंपी जानी है। बता दें कि रजनी पाटिल पहले हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी भी रह चुकी हैं।