तलवाड़ा (राकेश शर्मा ) : बसपा ने पंजाब सरकार से भी बिहार की तर्ज पर पंजाब प्रदेश मे भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है।बिहार सरकार द्वारा जारी जाति जनगणना के आंकड़ों का असर आगामी चुनाव पर पड़ेगा।यह दावा बसपा पंजाब अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने यहां मीडिया से बातचीत में किया। वह 9 अक्तूबर को बसपा संस्थापक बाबू कांशीराम की जयंती पर होशियारपुर में हो रही संविधान बचाओ महापंचायत के तहत ब्लॉक स्तर पर तैयारियों का जायजा लेने के लिए यहां आए थे। उन्होंने कहा कि बसपा शुरू से ही जाति आधारित जनगणना की मांग करती रही है।श्री गढी ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश में ओबीसी समुदाय की गिनती 52 प्रतिशत थी, लेकिन बिहार में इसकी संख्या 63 प्रतिशत हो गयी है।केंद्र और राज्य सरकार की ओबीसी विरोधी नीतियों के कारण आजादी के 75 साल बाद भी यह समुदाय सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है।लेकिन जब बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण दिया।श्री गढी ने कांग्रेस और भाजपा पर ओबीसी मुद्दे पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।आज कांग्रेस पार्टी सत्ता में बैठने के लिए ओबीसी समुदाय की बात कर रही है।श्री गढी ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह से दलितों को हाशिये पर रखा गया, उसी तरह देश में ओबीसी समुदाय की 3743 जातियां भी हाशिये पर आ गयी हैं।बसपा ने ओबीसी के पक्ष में हां में हां मिलाने के लिए 9 तारीख को होशियारपुर के बजवाड़ा बाईपास स्थित मैदान में बसपा संस्थापक बाबू कांशीराम की पुण्य तिथि पर संविधान बचाओ महापंचायत का न्योता दिया है। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक एवं युवा नेता आकाशा नंद शामिल होंगे। महापंचायत की सफलता के लिए बसपा पंजाब ब्लॉक स्तर पर ही लामबंदी बैठकें कर तैयारियों का जायजा ले रही है। इस मौके पर उनके साथ बसपा पंजाब इकाई के महासचिव गुरलाल सेला, राज्य कमेटी सदस्य सुरिंदर बिट्टा, जिला महासचिव रमेश भगत, हलका दसूहा प्रभारी अमनदीप हैप्पी आदि मौजूद थे।