नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA को लेकर एक बार फिर से केंद्र की भाजपा सरकार और विपक्षी दलों के बीच विवाद शुरू हो गया है। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CAA को लेकर जारी तमाम आशंकाओं और सवालों का जवाब दिया है।
गृह मंत्री ने साफ कह दिया है कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना ये भारत का विषय है और भारत की संप्रभुता का निर्णय है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। यहा सिर्फ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।
विरोधी राज्यों को सख्त जवाब
केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल द्वारा कहा गया है कि वे अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे। इसके बारे में सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है। यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है। मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे। शाह ने कहा कि ये नेता तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं।
NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं
असम में CAA के कार्यान्वयन और CAA और NRC के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं है। असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में CAA लागू होगा। उन्होंने बताया कि कानून में सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में CAA लागू नहीं होगा। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (ILP) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।
ममता बनर्जी को भी दिया जवाब
CAA अधिसूचना को लेकर पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को निवेदन करना चाहता हूं कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं। वे कृपया कर के बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें, आप भी एक बंगाली हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं। असम में भाजपा सरकार आने के बाद घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो गई है। शाह ने कहा कि अगर आप(ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी।