चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के भाई ज्ञान सिंह मान की ओर से सोशल मीडिया पर डाली जा रहीं पोस्टों से सूबे की सियासत गरमा गई है । शनिवार को पोस्ट डालने के बाद मुख्यमंत्री के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान रविवार शाम को फिर से सोशल मीडिया पर बाढ़ प्रभावित किसानों के समर्थन उतरे हैं। उन्होंने पंजाब की खनन नीति में बदलाव लाने की मांग उठाई है।
ज्ञान सिंह मान ने लिखा है कि पंजाब सरकार कैबिनेट बैठक बुलाकर खनन नीति में बदलाव करे। नदियों की रेत से बर्बाद हुई ज़मीनों से रेत हटाने की किसानों को अनुमति मिले ताकि बाढ़ का पानी उतरने के बाद किसान अपनी ज़मीनों को ठीक करके अगली फसल की बुवाई कर सकें।
सियासी माहिर मुख्यमंत्री के भाई ज्ञान सिंह मान की इस पोस्ट के गंभीर मायने निकाल रहे हैं । सोमवार को कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री के भाई की मांग को गंभीरता से लिया जा रहा है । चर्चा है कि कैबिनेट बैठक में खनन विभाग पर सवाल खड़े हो सकते हैं । सियासी माहिरों का मानना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान एक तीर से दो नहीं बल्कि कई निशाने साधना चाहते हैं जिसकी गूंज दिल्ली नेतृत्व तक सुनाई दे सकती है।
राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल भी नदियों, नालों की सफाई का मुद्दा उठा चुके हैं । कांग्रेस भी इस मुद्दे को उठा रही है । बहरहाल ज्ञान सिंह मान की पोस्ट ने सूबे की सियासत में भूचाल ला दिया है । इन पोस्टों को खुद सीएम की भावना से जोड़कर देखा जा रहा है । सोमवार की कैबिनेट की बैठक में कुछ हद तक इस सक्रियता से परदा उठ सकता है ।
भ्रष्टाचार की जाहिर की थी आशंका : बता दें शनिवार को डाली गई पोस्ट में सीएम मान के भाई ने लिखा था कि बरसाती नालों की सफाई न होने के कारण शहरों और गांवों में लोगों के घरों, दुकानों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस काम के लिए जारी किए गए 250 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि आखिर कहां गायब हो गई? इनमें से 40 लाख रुपये जल स्रोत मंत्री वरिंदर गोयल के हलका लहरा के लिए भी जारी किए गए थे। क्या सफाई नालों की हुई या 250 करोड़ रुपये की? सरकार को इस पूरे मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।