चंडीगढ़। पंजाब मंडी बोर्ड के अधीन राज्य के संपर्क मार्गों की टायरिंग से पहले करवाए गए आधुनिक जीआईएस सर्वेक्षण में 538 किलोमीटर सड़कें जमीन पर गायब पाई गई हैं। हैरत की बात है कि पंजाब मंडी बोर्ड अब तक करोड़ों रुपये का बजट इन सड़कों की मरम्मत पर खर्च के रूप में दिखाता रहा है। पंजाब की आम आदमी सरकार ने टायरिंग सीजन से पहले सड़कों की जीआईएस (ग्लोबल इन्फॉर्मेशन सर्वेक्षण) तकनीक से पैमाइश करवाई तो इस बात का खुलासा हुआ। जानकारी के अनुसार सरकार ने सड़कों को मापने के लिए नवीनतम जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने हाल ही में पंजाब मंडी बोर्ड के तहत 64878 किलोमीटर सड़कों का जीआईएस तकनीक से सर्वेक्षण करवाया, जिसमें 538 किलोमीटर सड़कें ही गायब पाई गई हैं। पंजाब सरकार के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड ने जीआईएस का उपयोग करके सड़कों को मापा है। इस सर्वेक्षण में 538 किमी ग्रामीण लिंक सड़कें कम पाई गई हैं। धालीवाल ने कहा कि यह सरकार की बड़ी उपलब्धि है! क्योंकि इससे रोड डाटा बुक की तुलना में मापी निविदाओं में कुल 538 किमी का अंतर आ गया है। इससे सड़कों की मरम्मत पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये के बजट की बचत होगी।
फीते से सर्वेक्षण में नहीं हो पती सही पैमाइश :
हाथों से फीते के जरिये सड़कों के सामान्य और 90 डिग्री के मोड आदि को मापना संभव नहीं है, इसी तरह सड़क की मरम्मत के दौरान गड्ढों की चौड़ाई और गहराई को मैन्युअल रूप से मापने में दिक्कत रहती है। जीआईएस तकनीक से किए जाने वाले सर्वेक्षण में पारदर्शिता रहती है और इससे मरम्मत में लागत का बजट भी उसी हिसाब से तय किया जाता है।