एएम नाथ : नाहन। हिमाचल में आई भीषण आपदा के दौरान शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश को केंद्र सरकार से राहत राशि जारी करने के लिए कोई भी प्रशन लोकसभा में नहीं उठाया। यहां तक की उन्होंने एक पत्र भी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को नहीं लिखा।सुरेश कश्यप आपदा के दौरान जनता के बीच नजर ही नहीं आए। यह उद्गार श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के हरिपुरधार में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहे।सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में हमारी सरकार का कार्यकाल साढ़े तीन वर्ष और है। मैं चुनाव के बाद दोबारा श्री रेणुकाजी क्षेत्र में आऊंगा। आप की जो भी मांग होगी, उसको हम पूरा करेंगे। आप लोग 1 जून को कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के पक्ष में वोट डालें। 1 जून को जब वोट डालने जाए, तो यह याद रखे कि यह देवी देवताओं की भूमि है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जनसभा में भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में ख़रीद-फरोख्त की राजनीति शुरू कर राज्य की संस्कृति को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी से गद्दारी कर छह कांग्रेस विधायक राजनीतिक मंडी में बिके और अब खरीद फरोख्त की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश के मतदाताओं की है। अगर खरीद फरोख्त की राजनीति को अभी सबक नहीं सिखाया, तो यह आगे भी चलती रहेगी। सीएम ने कहा कि कांग्रेस के पास धन बल नहीं है, बल्कि जनबल ही पार्टी की ताकत है। यह लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है और आने वाले चुनाव में प्रदेश के मतदाता भाजपा को एक राज्यसभा सीट चुराने की सजा देकर लोकसभा की चारों सीटें कांग्रेस पार्टी के नाम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने के बाद बिके हुए विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर भागते रहे और उनके परिवार के सदस्य भी उनके लिए चिंतित थे। जिस दिन बजट पास होना था, उस दिन चंडीगढ़ से सीआरपीएफ की सुरक्षा में आए और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने विधानसभा का गेट तोड़ दिया। दागियों ने विधानसभा में आकर अपनी हाजिरी लगाई और बजट पर वोट किए बिना फिर भाग गए। बिके विधायकों ने नए कोट-पैंट सिला लिए, क्योंकि उन्हें लगा कि वह मंत्री बनने वाले हैं, मगर उनकी विधानसभा सदस्यता ही रद्द हो गई। फिर दागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, तो कोर्ट ने भी उन्हें माफी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि एक दिन अचानक दागियों ने दिल्ली जाकर भाजपा का पटका पहन लिया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसा पहली बार है, जब निर्दलीय विधायक हाथ में इस्तीफा लेकर घूम रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं और कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर पांच साल सोए रहे और चोरों के लिए दरवाजे खोल दिए। जिन्हें वर्तमान सरकार ने बंद करके 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व कमाया है और राज्य की अर्थव्यवस्था में बीस प्रतिशत का सुधार आया है। अब जनता का पैसा जनता के बीच बांटा जा रहा है।
महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन, गोपालकों को 1200 रुपए महीना, 1.15 लाख विधायकों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए, 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का फ्री इलाज, मनरेगा की दिहाड़ी में ऐतिहासिक 60 रुपए बढ़ौतरी, दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य, कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए, पुलिसकर्मियों की डाइट मनी में पांच गुणा की वृद्धि, राज्य सरकार ने यह सब कुछ इसी अतिरिक्त राजस्व से किया है।
सुक्खू ने कहा कि सभी कर्मचारियों का एरियर क्लीयर किया जा रहा है और वर्तमान राज्य सरकार ने अब तक 7000 विधवाओं को उनके एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है। राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को बहाल किया और हिमाचल भाजपा के नेता दिल्ली जाकर एनपीएस के 9000 करोड़ रुपए केंद्र से वापस दिलाने में रोड़े अटका रहे हैं। इस अवसर पर शिमला लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।