गढ़शंकर, 31 अगस्त: ज़िंदगी कई बार लोगों को सफल होने के मौके देती है, जो लोग इन मौकों का फ़ायदा उठाते हैं, उन्हें ज़िंदगी के कुछ फ़ायदे ज़रूर मिलते हैं। कई गीतकारों को बड़े पैमाने पर सफलता मिली है, लेकिन वे आर्थिक रूप से बेसहारा हो गए हैं। गीतकार अपने गीतों में न सिर्फ़ अपने दर्द, खुशी, ग़म, सांस्कृतिक रीति-रिवाज़, परिवार के सदस्यों के रिश्तों की भावनाओं आदि को शब्दों में बयां करते हैं, बल्कि दिल और दिमाग़ से उसे महसूस भी करते हैं। इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि उन्हें उनका वाजिब हक़ मिले, लेकिन अपने हक़ पाने के लिए गीतकारों का जागरूक होना भी ज़रूरी है। दोस्तों आईपीआरएस से अपने गीतों का मेहनताना आजीवन कैसे प्राप्त करें, कॉपीराइट क्या है, इस बारे में सबको जागरूक करने में विश्व पंजाबी गीतकार और कलाकार परिवार काफ़ी सक्रिय है। आइए, हम भी इस कामयाबी के पल का फ़ायदा उठाएँ और महान गीतकार जरनैल घुम्मण, वीर भट्टी भड़ी वाला और बनी शर्मा के प्रयासों को आगे बढ़ाएँ।