गढ़शंकार। बिहार के बेगूसराय में आयोजित अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन 16 अप्रैल को महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ हुआ। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के नवनिर्वाचित सतीश राणा ने दी।
उन्हींनो कहा बेरोजगारी बढ़ने के बावजूद सरकारें स्थायी नियुक्तियां करने से हिचक रही हैं। इसके बजाय, आकस्मिक-अनुबंध नियुक्तियाँ अधिक व्यापक होती जा रही हैं। केरल और दक्षिण भारत के कुछ अन्य राज्यों को छोड़कर, हर जगह नियुक्ति प्रतिबंध जारी है। सरकारों का सामान्य दृष्टिकोण सरकारी विभागों को छोटा करना और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करना है।
सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों की इन गतिविधियों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। इस मुद्दे पर एक व्यापक कार्रवाई मंच स्थापित करने का निर्णय लिया गया। बहुत संयुक्त आंदोलन आयोजित करने और अन्य संघों के साथ संयुक्त मंच बनाने का भी निर्णय लिया गया।
सम्मेलन ने सुभाष लांबा (हरियाणा) को अध्यक्ष, ए श्रीकुमार (केरल) को महासचिव, शशिकांत रॉय को कोषाध्यक्ष चुना और सतीश राणा (पंजाब) बांदी श्रीनिवासराव (आंध्र प्रदेश) उपाध्यक्ष चुने गए । एम.अंबरसु (तमिलनाडु) और विश्वजीत गुप्ता चौधरी (पश्चिम बंगाल) को सहायक महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया। इकतीस सदस्य सचिवालय और अस्सी सदस्य समिति भी चुने गए।
इसके इलावा चंद्रशेखर तिवारी (छ.ग.),एन टी शिवराजन (केरल), उमेश चंद्र चिलबुले (महाराष्ट्र), विश्वास काटकर (महाराष्ट्र), एम राजेंद्र (तेलुंगाना), कमलेश मिश्रा (उत्तर प्रदेश), सुतापा हसरा (पश्चिम बंगाल) उपाध्यक्ष और गोपाल दत्त जोशी (चंडीगढ़), शोभा लकनागन्ना (कर्नाटक), एम ए अजित कुमार (केरल) पुरुजीत लैरेक (मणिपुर), स्वप्न बल (त्रिपुरा) एम ज्ञाननाथंबी (तमिलनाडु), पुनीत कुमार त्रिपाठी (उत्तर प्रदेश) को सचिव चुना गया।
उलेखनीय है के पंजाब के होशियारपुर जिले के गाँव नैनवा के सतीश राणा दूसरी बार उपाध्यक्खल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ चुने गए।
फोटो : अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के सम्मेलन में संबोधित करते हुए सतीश राणा।