एएम नाथ। चम्बा : चम्बा में हाल ही में जो जिला परिषद् वार्ड का सीमांकन हुआ है हम उसके बिलकुल भी समर्थन में नहीं हैं। क्योंकि सीमांकन जब होता है तो मैप के आधार पर होता है जबकि इसमें पूर्व की पंचायतें पश्चिम में तो उत्तर के पंचायतें दक्षिण में डाल दी गयी है। ऐसे ही अगर हम अपने जिला परिषद् वार्ड करियां की बात करें तो यहाँ भी जो पंचायतें शामिल थी वो एक ही दिशा में थी वो सभी विकास खण्ड मैहला के अंतर्गत आती थी। जनसँख्या भी सही और मानचित्र के अनुसार दिशा भी सही, विधानसभा क्षेत्र भी सही फिर इसके साथ किसी प्रकार की छेडखानी करना उचित नहीं था। यह बात जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने कही। उन्होने कहा कि उपायुक्त चम्बा ने इस विषय में सुझाव ओर आपत्तियां मांगी थी जिसकी सुनवाई हेतु आज उपायुक्त चम्बा ने बुलाया था। हालांकि अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया है। वहीं जिला परिषद अध्यक्षा डॉ० नीलम कुमारी ने बताया कि नौ पंचायतें मैहला विकास खण्ड की होते हुए भी वक्तपुर वार्ड को खत्म कर दिया गया है जो कि सही नहीं है। उन्होने सुझाव देते हुए कहा कि पहले ही की तरह इस वार्ड को रहने दिया जाये और जो पंचायतें कम पड़ती है वो सुनारा वार्ड से ली जा सकती है. क्योंकि इससे पूर्व भी ग्राम पंचायत बकाण तक वक्तपुर वार्ड जो पहले साच हुआ करता था उसमें शामिल थी।
वहीं कुठेहड़ दुलाहर पंचायत के बीडीसी सदस्य व जिला शिकायत निवारण समिति के सदस्य त्रिलोक सिंह ने कहा कि पंचायती राज के नियमानुसार जिला परिषद् वार्ड के लिए 25 हज़ार की संख्या होनी आवश्यक है। जबकि होली वार्ड के लिए 17896 और भरमोर में 21212 है। इसकी ही विपरीत हम देखें तो सनवाल की 38146 और चांजू की 37601 यानी तीसा विकास खण्ड के दो वार्डों की जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 75747 बनती है और अभी हो सकता है एक लाख हो चुकी हो।
उन्होने मांग की है कि तीसा ब्लॉक में एक वार्ड ओर बढ़ाया जाये।