अमृतसर : हरिमंदिर साहिब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले आरोपी नारायण सिंह चौड़ा को मंगलवार को अमृतसर जिला अदालत से जमानत मिल गई है। 110 दिन जेल में बंद रहने के बाद आरोपी को जमानत मिली है।
नारायण सिंह चौड़ा ने सुखबीर बादल पर चार दिसंबर 2024 को हमला किया था। आरोपी नारायण सिंह चौड़ा डेरा बाबा नानक का रहने वाला है और एक कट्टरपंथी के रूप में वह दल खालसा से संबंध रखता है। चौड़ा के विदेशों में छिपे आतंकियों से संबंध रहे हैं।
नारायण सिंह चौड़ा सुखबीर बादल को पंथ का गद्दार मानता था। इसी वजह से आरोपी चौड़ा ने सुखबीर बादल की हत्या की कोशिश की। नारायण सिंह चौड़ा को जब गिरफ्तार किया गया, तो उसने पूछताछ में खुलासा किया कि उसका टारगेट सुखबीर बादल है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। चौड़ा भाई जसपाल सिंह सिधवां चौड़ समेत कई सिखों की हत्या और श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करवाने में बादल परिवार के सदस्यों को जिम्मेदार मानता था।
फरवरी 2013 में हुआ था गिरफ्तार
चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल, 1956 को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के चौड़ा गांव में हुआ था। चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था और उसके साथियों सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को उसी दिन जिले के पंडोरी गांव से गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने मोहाली के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा और हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था। उसके खिलाफ आठ मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में विस्फोटक अधिनियम के तहत करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए थे। वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिलों में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों में भी वांछित रहा है।
1984 में पाकिस्तान चला गया था आरोपी नारायण सिंह चौड़ा
अमृतसर की एक अदालत ने विस्फोटक अधिनियम के तहत एक मामले में उसे बरी कर दिया था। इसके बाद चौड़ा 1984 में पाकिस्तान चला गया और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी का जरिया बन गया। पाकिस्तान में रहते हुए, उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब लिखी। चौड़ा ने खालिस्तान पर भी एक किताब भी लिखी, जिसका शीर्षक है- कॉन्सिपिरेसी अगेन्स्ट खालिस्तान।