शिमला : हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने एनडीपीएस एक्ट की धारा-37 में संशोधन करने और इसे और इसे कड़ा बनाने के लिए विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक में नशे के कारोबार को गैर जमानती बनाने का प्रावधान किया गया। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में यह विधेयक पेश किया। विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद हिमाचल प्रदेश में ड्रग माफिया पर आने वाले दिनों में शिकंजा और कसना तय है।
विधेयक में प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रावधान है। केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है कि नशीले पदार्थों के नियंत्रण से संबंधित सभी एजेंसियों को मजबूत बनाने की अनुमति दी जाए। केंद्रीय अधिनियम NDPS-1985 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को शामिल किया जाए, ताकि नशा कारोबार पर लगाम लगाई जा सके।
अग्निहोत्री ने कहा 20 साल कैद, 5 लाख जुर्माना करने की सिफारिश :
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विधेयक में जहां नशीले पदार्थों के कारोबार को जहां पूरी तरह गैर जमानती बनाने की सिफारिश की गई है,उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में मुख्यमंत्री का पत्र भी साथ जाएगा। इसमें नशे के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में हिमाचल सरकार की ओर से सुझाए सुझावों को शामिल किए जाने का आग्रह किया जाएगा। वहीं नशे का कारोबार करने वालों को कम से कम 10 से 20 साल की कैद और न्यूनतम 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की भी सिफारिश की गई है। गैंग बनाकर नशे का कारोबार करने वालों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। संपत्ति जब्त करने की सिफारिश भी है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकल्प में नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ शिकंजा कसने के अलावा स्टेक होल्डर को एक मंच पर लाने और राज्य व जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने की भी सिफारिश की गई है।
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